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Showing posts from February, 2021

Tarkeshwar Scandal-तारकेश्वर कांड

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 तारकेश्वर मामला (जिसे तारकेश्वर कांड या महंत-एलोकेशी मामला भी कहा जाता है) ब्रिटिश राज के दौरान 19वीं शताब्दी के बंगाल में एक सार्वजनिक कांड को संदर्भित करता है। यह एक सरकारी कर्मचारी नोबिन चंद्र की पत्नी एलोकेशी और तारकेश्वर शिव मंदिर के ब्राह्मण प्रधान पुजारी (या महंत) के बीच एक अवैध प्रेम संबंध के परिणामस्वरूप हुआ। नोबिन ने बाद में प्रेम संबंध के कारण अपनी पत्नी एलोकेशी का सिर काट दिया। 1873 के तारकेश्वर हत्याकांड को एक अत्यधिक प्रचारित परीक्षण के बाद, जिसमें पति और महंत दोनों को अलग-अलग डिग्री में दोषी पाया गया था। बंगाली समाज ने महंत के कार्यों को दंडनीय और आपराधिक माना, जबकि नोबिन की एक बेहूदा पत्नी की हत्या की कार्रवाई को सही ठहराया। परिणामी सार्वजनिक आक्रोश ने अधिकारियों को दो साल बाद नोबिन को रिहा करने के लिए मजबूर किया। यह कांड कालीघाट पेंटिंग और कई लोकप्रिय बंगाली नाटकों का विषय बन गया, जिसमें अक्सर नोबिन को एक समर्पित पति के रूप में चित्रित किया जाता था। महंत को आम तौर पर एक महिलावादी के रूप में प्रस्तुत किया जाता था, जो युवा महिलाओं का फायदा उठाता था। हत्या की शिकार एलोके

ROSA LOUISE MCCAULEY PARK BIOGRAPHY

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   शाहरुख खान का एक डायलॉग है।      " 'Don't Underestimate The Power Of A Common Man'".  एक आम आदमी जो सुबह उठता है दफ्तर समय पर पहुचने के डर के साथ और 9 से 10 घटें काम करने के बाद शाम को घर पहुचना खाना खाना और सो जाना। एक आम आदमी का जीवन इसी चक्र मे चलता रहता है। लेकिन यदि कोई  आम आदमी  के स्वाभिमान को छुता है तो यही आम आदमी अपनी द्रण संकल्प से दुनिया बदलने का बल भी  रखते है जैसे मंगल पांडे, महात्मा गांधी, भगत सिंह इत्यादि। लेकिन ये आम आदमी एक महिला हो तो ये और विशेष हो जाता है। ऐसी ही साधारण महिला जिन्होने रंग-रूप, ऊंच-नीच और जाति के आधार पर किसी को कम और किसी को ज्यादा का विरोध कर नागरिक अधिकारों की लड़ाई का बिगुल फूका । हम बात कर रहे है अमेरिकी नागरिक अधिकारों की लड़ाई की जननी कही जाने वाली एफ्रो-अमेरिकी रोजा पार्क्स की। गोरे व्यक्ति के लिए बस में अपनी सीट न छोड़ने वाली रोजा ने अमेरिका में बरारबरी की लड़ाई का बिगुल बजाया. रोजा का जन्म 4 फरवरी 1913 को दक्षिण अमेरिकी प्रांत अलाबामा में हुआ था, जहां अश्वेत लोगों को बंदी बनाकर रखा जाता था और उनका लगातार शोषण किया

ISAAC ASIMOV- Father Of Robotics

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"फाउंडेशन" श्रृंखला,"गैलेक्टिक एम्पायर" श्रृंखला और रोबोट (robotics) श्रृंखला के जनक, विज्ञान कथाओ के एक शानदार लेखक, 500 से अधिक किताबें और अनुमानित 90,000 अक्षरों और पोस्टकार्डों के संपादक और बोस्टन विश्वविद्यालय में जैव रसायन शास्त्र के प्रोफेसर रह चुके इसहाक असिमोव का परिचय यह दरशाता है कि उनका जीवन आज के विद्यार्थीयो के लिये प्रेरणा स्रोत हैा उनकी पुस्तकें डेवी दशमलव वर्गीकरण की 10 प्रमुख श्रेणियों में से 9 में प्रकाशित हुई हैं। असिमोव ने हार्ड साइंस फिक्शन लिखा।  "बिग थ्री" विज्ञान कथा लेखकों  रॉबर्ट ए हेनलेन और आर्थर सी क्लार्क के साथ असिमोव को भी एक माना जाता है। जीवन परिचय असिमोव का जन्म 2 जनवरी 1920 मे बेलोरशियन सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक के पेट्रोविची (सोवियत के समय में यह बस्ती कुछ समय के लिए रूसी एसएफएसआर के महिलो गुबेरनिया के अधीन थी जिसे बाद में आरएसएफएसआर के स्मोलेंस्क ओब्लास्ट को हस्तांतरित कर दिया गया था, जो अब रूस है) में चक्की चलाने वालों के एक यहूदी परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता का नाम एन्ना राचेल बर्मन तथा जूदा असिमोव था। हिब्रू और