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Showing posts from October, 2020

Tarkeshwar Scandal-तारकेश्वर कांड

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 तारकेश्वर मामला (जिसे तारकेश्वर कांड या महंत-एलोकेशी मामला भी कहा जाता है) ब्रिटिश राज के दौरान 19वीं शताब्दी के बंगाल में एक सार्वजनिक कांड को संदर्भित करता है। यह एक सरकारी कर्मचारी नोबिन चंद्र की पत्नी एलोकेशी और तारकेश्वर शिव मंदिर के ब्राह्मण प्रधान पुजारी (या महंत) के बीच एक अवैध प्रेम संबंध के परिणामस्वरूप हुआ। नोबिन ने बाद में प्रेम संबंध के कारण अपनी पत्नी एलोकेशी का सिर काट दिया। 1873 के तारकेश्वर हत्याकांड को एक अत्यधिक प्रचारित परीक्षण के बाद, जिसमें पति और महंत दोनों को अलग-अलग डिग्री में दोषी पाया गया था। बंगाली समाज ने महंत के कार्यों को दंडनीय और आपराधिक माना, जबकि नोबिन की एक बेहूदा पत्नी की हत्या की कार्रवाई को सही ठहराया। परिणामी सार्वजनिक आक्रोश ने अधिकारियों को दो साल बाद नोबिन को रिहा करने के लिए मजबूर किया। यह कांड कालीघाट पेंटिंग और कई लोकप्रिय बंगाली नाटकों का विषय बन गया, जिसमें अक्सर नोबिन को एक समर्पित पति के रूप में चित्रित किया जाता था। महंत को आम तौर पर एक महिलावादी के रूप में प्रस्तुत किया जाता था, जो युवा महिलाओं का फायदा उठाता था। हत्या की शिकार एलोके

The Eagle- Khabib Abdulmanapovich Nurmagomedov

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   मिक्स्ड मार्शल आर्ट में आज तक किसी खिलाड़ी ने ख़बीब नूर को पछाड़ने की हिम्मत नहीं दिखाई है और आज तक कोई भी उसे हरा नहीं पाया है. ख़बीब नूर रूस के मुस्लिम ( Sunni Muslim) बहुल पहाड़ी प्रांत दागेस्तान से  है. दागेस्तान यूरोप की सबसे ख़तरनाक जगह है.  मिक्स्ड मार्शल आर्ट के विश्व विजेता कॉनर मेकग्रेगर को हराने वाले वाले 30 साल  ख़बीब नूर के बारे में इतना ही कहना काफ़ी है. मरीका के लॉस एंजेलिस में ख़बीब नूर ने कॉनर को मैच के चौथे राउंड में हरा दिया था.  ख़बीब मिक्सड मार्शल आर्ट की दुनिया का सबसे बड़ा नाम  है. वह यूएफ़सी टाइटल जीतने वाले पहले मुसलमान खिलाड़ी हैं. प्रारंभिक जीवन रूस के दागेस्तान इलाके से आने वाले ख़बीब अवार जाति से ताल्लुक रखते हैं.एक सम्मान प्राप्त सैन्य अधिकारी के बेटे ख़बीब ने आठ साल की उम्र से ही अपने पिता से पहलवानी की ट्रेनिंग लेना शुरू की थी. ख़बीब ने अपने पिता अब्दुलमनाप से सिर्फ पहलवानी की ही ट्रेनिंग नहीं ली बल्कि उन्होंने जूडो और सैम्बो (1920 के दशक में सोवियत रेड आर्मी ने मिक्स्ड मार्शल आर्ट की एक ख़ास विधा ) की ट्रेनिंग भी ली. कहते हैं ख़बीब नूर बचपन में एक अस

Lightning Bolt -----Usain Bolt

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 नाम उसैन बोल्ट जन्म 21 अगस्त 1986 जन्मस्थान जमैका पिता जेनिफर बोल्ट माता वेलेस्ली बोल्ट व्यवसाय ओलंपिक एथलीट राष्ट्रीयता जमैका उसैन बोल्ट  विश्व के सबसे तेज धावक है, जो जमैका से ताल्लुक रखते है। लाइफ-मैनेजमेंट डेस्क. बोल्ट रेसिंग ट्रैक पर चीते की रफ्तार से दौड़ते हैं। इनकी रफ्तार का अंदाजा केवल हाई डेफिनिशन कैमरे पर ही लगाया जा सकता है। बोल्ट के नाम ओलंपिक में तीन बार Gold Medal का रिकार्ड हैं। बोल्ट ने दौड़ में 100 मीटर, 200 मीटर और 400 मीटर की रेस में गोल्ड मैडल जीतने का रिकार्ड बनाया है। ऐसा करने वाले दुनिया के वे पहले व्यक्ति है। हाल ही में पेरू में हुई एक अनोखी रेस में टुकटुक ऑटो को 7 सेकंड में हराकर चर्चा में बने हुए हैं। प्रारंभिक जीवन  उसैन बोल्ट का जन्म 21 अगस्त 1986 में जमायका में  वेलेसली और जेनिफर बोल्ट के घर हुआ। उनके परिवार में माता पिता और एक भाई सदीकी और एक बहन शिरीन थे । उनके माता पिता गांव में एक छोटा सा ग्रॉसरी स्टोर चलाते थे ।  उसैन अपना ज्यादातर समय  अपने भाई के साथ गलियों में क्रिकेट और फुटबॉल खेलने में बिता देते । उन्हें स्पोर्ट्स के अलावा और किसी ची

Iron Mike- Mike Tyson

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  Iron Mike-  Mike Tyson बॉक्सर टायसन का नाम पहले से कहीं ज्यादा विवादास्पद रहा है, टायसन दुनिया के सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज हैं जिन्होंने पेशेवर मुक्केबाजी में सबसे कम उम्र के हैवीवेट चैंपियन होने का खिताब जीता है। लोकप्रियता के शिखर पर पहुंचे इस खिलाड़ी का व्यक्तित्व कुछ अप्रत्याशित घटनाओं के कारण काफी उतार-चढ़ाव से घिरा रहा। उन्होंने अपने पेशेवर खेल से बहुत नाम और पैसा कमाया। Iron Mike-  Mike Tyson माइक टायसन एक महान मुक्केबाज हैं जिनका जन्म अमेरिका में हुआ था और उन्होंने इसी देश में अपना जीवन व्यतीत किया है। उन्होंने बॉक्सिंग में अपनी पहचान बनाने के लिए काफी संघर्ष किया है। कहा जाता है कि बचपन से ही वह कई तरह के झगड़ों और झगड़ों में शामिल रहता था और इस वजह से उसे कई बार जेल भी जाना पड़ा था। वहीं इन झगड़ों के चलते वह धीरे-धीरे बॉक्सिंग के पेशे से जुड़ने लगे और वे दुनिया के महान मुक्केबाज बन गए। Iron Mike-  Mike Tyson माइक टायसन का जन्म 29 जून 1966 को अमेरिका के ब्रुकलिन में हुआ था। उनके जन्म के कुछ दिनों के भीतर ही उनके माता-पिता का निधन हो गया था, जिसके कारण दुर्भाग्य से वह असामाजिक त

Bharat Ratna Atal Bihari Vajpayee

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  बहु प्रतिभावान राजनैतिज्ञ अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीती में पिछले 50 सालों से सक्रीय है. अपने राजनैतिक सफ़र में वाजपेयी जी सबसे आदर्शवादी व प्रशंसनीय राजनेता थे. अटल जी जैसा नेता होना पुरे देश के लिए गर्व की बात है. उनके बहुत से कामों की वजह से देश आज इस मुकाम पर है. जवाहरलाल नेहरु के बाद अगर कोई 3 बार प्रधानमंत्री बना है तो वो अटल जी ही है. अटल जी पिछले 5 दशकों से संसद में सक्रीय रहे, साथ ही वे इकलोते राजनेता है जो 4 अलग अलग प्रदेश से सांसद चुने गए. अटल जी भारत की आजादी के पहले से राजनीती में आ गए थे, उन्होंने गाँधी जी के साथ भारत छोड़ो आन्दोलन में भी भाग लिया था. अटल की बहुमुखी प्रतिभा के धनी है, वे बहुत अच्छे कवी भी है, जो राजनीती पर भी अपनी कविता और व्यंग्य से सबको आश्चर्यचकित करते रहे है, उनकी बहुत ही रचनाएँ पब्लिश भी हुई है जिन्हें आज भी लोग पढ़ते है. अटल जी को अपनी मातृभाषा हिंदी से भी बेहद प्रेम है, अटल जी पहले राजनेता बने, जिन्होंने UN General Assembly में हिंदी में भाषण दिया था. अटल जी पहली बार सिर्फ 13 दिन के लिए प्रधानमंत्री बने थे. इसके 1 साल के बाद वे फिर प्रधानमंत्री