The Panerai Legacy: From Naval Innovation to Luxury Icon

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पैनराई, जिसे घड़ियों का शौक रखने वाले लोग अच्छी तरह से जानते हैं, अब एक स्विस निर्मित घड़ी ब्रांड है जिसकी इतालवी जड़ें डेढ़ सदी से भी अधिक पुरानी हैं। कंपनी का एक लंबा इतिहास है, लेकिन एक प्रतिष्ठित कलेक्टर ब्रांड के रूप में इसकी जबरदस्त उभरने की कहानी, जिसे दुनिया भर में एक पंथ जैसी अनुयायी (जिसे पनेरिस्ती कहा जाता है) मिली है, सिर्फ 20 साल पुरानी है। यहां हम पैनराई की उत्पत्ति, इसके सैन्य और समुद्री इतिहास, और इसकी आधुनिक-काल की प्रतिष्ठित स्थिति पर एक नजर डालते हैं। पैनराई की उत्पत्ति और इसका प्रारंभिक सैन्य इतिहास 1860 में, इतालवी घड़ी निर्माता जियोवानी पैनराई ने फ्लोरेंस के पोंटे आले ग्राज़ी पर एक छोटी घड़ी निर्माता की दुकान खोली, जहाँ उन्होंने घड़ी की सेवाएं प्रदान करने के साथ-साथ एक घड़ी निर्माण स्कूल के रूप में भी काम किया। कई वर्षों तक, पैनराई ने अपनी छोटी दुकान और स्कूल का संचालन किया, लेकिन 1900 के दशक में कंपनी ने रॉयल इटालियन नेवी के लिए घड़ियों का निर्माण शुरू किया। इसके अलावा, उनकी दुकान, जी. पैनराई और फिग्लियो, पियाज़ा सैन जियोवानी में एक अधिक केंद्रीय स्थान पर स्थानां...

Lightning Bolt -----Usain Bolt






 नाम उसैन बोल्ट

जन्म 21 अगस्त 1986

जन्मस्थान जमैका

पिता जेनिफर बोल्ट

माता वेलेस्ली बोल्ट

व्यवसाय ओलंपिक एथलीट

राष्ट्रीयता जमैका






उसैन बोल्ट  विश्व के सबसे तेज धावक है, जो जमैका से ताल्लुक रखते है। लाइफ-मैनेजमेंट डेस्क. बोल्ट रेसिंग ट्रैक पर चीते की रफ्तार से दौड़ते हैं। इनकी रफ्तार का अंदाजा केवल हाई डेफिनिशन कैमरे पर ही लगाया जा सकता है। बोल्ट के नाम ओलंपिक में तीन बार Gold Medal का रिकार्ड हैं। बोल्ट ने दौड़ में 100 मीटर, 200 मीटर और 400 मीटर की रेस में गोल्ड मैडल जीतने का रिकार्ड बनाया है। ऐसा करने वाले दुनिया के वे पहले व्यक्ति है। हाल ही में पेरू में हुई एक अनोखी रेस में टुकटुक ऑटो को 7 सेकंड में हराकर चर्चा में बने हुए हैं।

प्रारंभिक जीवन 




उसैन बोल्ट का जन्म 21 अगस्त 1986 में जमायका में  वेलेसली और जेनिफर बोल्ट के घर हुआ। उनके परिवार में माता पिता और एक भाई सदीकी और एक बहन शिरीन थे । उनके माता पिता गांव में एक छोटा सा ग्रॉसरी स्टोर चलाते थे । 



उसैन अपना ज्यादातर समय  अपने भाई के साथ गलियों में क्रिकेट और फुटबॉल खेलने में बिता देते । उन्हें स्पोर्ट्स के अलावा और किसी चीज में इतनी दिलचस्पी कभी थी ही नहीं । 12 साल की उम्र होते होते वह अपने स्कूल के फास्टेस्ट रनर बन गए थे ।




अपनी हाई स्कूल  की पढ़ाई के दौरान भी उनका ज्यादा ध्यान खेलों में ही रहता। उसैन को रेस से ज्यादा क्रिकेट और फुटबॉल में दिलचस्पी थी। उसैन क्रिकेटर बनना चाहते थे पर   एक दिन उन के क्रिकेट कोच ने जब उनकी स्पीड देखी तो वह हैरान रह गए और उन्होंने उनसे कहा कि वह रेस में हिस्सा ले। एक ओलंपिक खिलाड़ी रह चुके पेबलो मैकनील और Dwayne Jarrett ने उसैन बोल्ट का टैलेंट पहचाना और उन्हें  कोचिंग देना शुरु किया ।



उसैन  ने साल 2001 अपना पहला हाई स्कूल चैंपियनशिप मेडल जीता जब 200 मीटर रेस उन्होंने 22 सेकंड में पूरी कर ली।   साल 2001 में CARIFTA games में खेलते दौरान बोल्ट ने 400 मीटर रेस को 48 सेकंड में पूरा किया और सिल्वर मेडल जीता । इसके बाद साल 2001 में उन्होंने Hungary में हुई IAAF world youth championship में हिस्सा लिया और 200 मीटर की वह रेस 21.7 3 सेकंड में पूरी की हालांकि वह फाइनल तक नहीं पहुंचे पर उन्होंने अपना खुद का पुराना रिकॉर्ड तोड़ा था।  पर अब भी उसैन एथलेटिक्स को ज्यादा सीरियसली नहीं ले रहे थे और एक बार तो CARIFTA ट्रायल्स के फाइनल के लिए तैयारी करते समय जब उन्हें रिहर्सल करनी थी तो वह जाकर एक वैन में छुप गए । इसके बाद पुलिस ने उन्हें उनके इस मजाक के लिए गिरफ्तार भी कर लिया और सभी कोच मैकनील को इस सब का दोषी ठहराने लगे । हालांकि इसके बाद यह मामला जल्द ही सुलझ गया और   CARIFTA गेम्स में उसैन बोल्ट ने 200 मीटर की रेस 20 सेकेंड्स में और 400 मीटर की रेस 47.33 सेकंड में पूरी की। उस समय के अफ्रीकी प्राइम मिनिस्टर पी जे पेटरसन ने उसैन के टैलेंट को पहचाना और उन्हें किंग्सटन आने का न्योता दिया जहां वह जमाईका आर्मेचर एथलेटिक एसोसिएशन के साथ ट्रेनिंग कर सकते थे।

15 साल की उम्र तक उसैन 6 फीट 5 इंच लंबे हो गए थे। साल 2002 में हुई वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में जीतकर उसैन दुनिया के यंगेस्ट वर्ल्ड जूनियर गोल्ड मेडलिस्ट बन गए । उनके देश के लोगों की उम्मीदें उनसे बडने लगी और लोगों की  उम्मीदों ने उन्हें इतना nervous कर दिया कि उन्होंने घबराहट में दाएं पैर का जूता बाएं पैर में और बाएं पैर का जूता दांए पैर में पहन लिया पर उस दिन उन्होंने 400 मीटर की रेस 39.15 सेकंड में पूरी कर ली और सिल्वर मेडल जीता । यहां तो बस शुरुआत ही थी उसके बाद धीरे-धीरे उन्होंने मेडल्स की कतार लगा दी । 


 धीरे धीरे उसैन की पॉपुलेरिटी बढ़ रही थी ।  पर इस बढ़ती पापुलैरिटी के साथ उनका ध्यान उनके खेल से हटकर party करने, जंक फूड खाने और बाकी खेलों में लगने लगा जबकि उन्हें रेस कोर्स पर प्रैक्टिस करनी चाहिए थी। वर्ल्ड चैंपियनशिप रेस के बिल्कुल पहले उन्हें   conjunctivitis हो गया जिसकी वजह से उनका ट्रेनिंग शेडूल खराब हो गया और वह फाइनल में पार्टिसिपेट नहीं कर पाए । इसके बाद उन्होंने अपने करियर पर ध्यान देना शुरू किया और अब वह जमाईका के ओलंपिक टीम के लिए सिलेक्ट हो गए थे। भले ही उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप में भाग लेने का मौका खो  दिया लेकिन उनहोंने Olympic team में अपनी जगह बना ली।  

करियर 


शुरुवाती दिनों में उसैन अपने साथियों की तुलना में लगातार आगे बढ़ते रहने के बाद बोल्ट लंबी कूद में काफी मैडल जीतने लगे, और कहा जाता है, की क्रिकेट खेलते समय भी वे एक तेज गति के गेंदबाज की भूमिका निभाते थे। इस तरह से उन्होंने एक ताज धावक का परिचय दिया। उन्होंने अपना परीक्षण Pablo Mc Neil नामक एक पूर्व धावक से ली थी।

2002 में उन्होंने विश्व जूनियर चैंपियनशिप में भाग लिया, और 200 मीटर में स्वर्ण पदक जीतकर अलग पहचान बनाई, और इससे वे प्रतियोगिता के सबसे कम उम्र के स्वर्ण पदकधारी बन गये। 2004 के CARIFTA खेलों में 19.93 सेकंड समय के साथ 20 सेकेंड श्रेणी में दौड़कर वे पहले जूनियर धावक बन गये, और उन्होंने रॉय मार्टिन के एक सेकेंड के दो दहाई समय में बने विश्व जूनियर रिकार्ड को तोड़ दिया।

2004 तक वे एक पेशेवर धावक बन गये, पर चोटों के कारण पहले 2 सीजन की ज्यादातर स्पर्धाओं में नहीं खेल पाये, लेकिन वह ओलंपिक में 2004 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की स्पर्धाएं पूरी कीं, 2007 में, उन्होंने 200 मीटर जमैकन राष्ट्रीय रिकार्डधारी डॉन क्वैरिज को 19.75 सेंकेंड समय लेकर हराया।  मई 2008 में, बोल्ट ने 9.72 सेकेंड के समय के साथ 100 स्पर्धा में विश्व रिकॉर्ड बनाया। 

2008 के बीजिंग ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में 100 मीटर और 200 मीटर दोनो स्पर्धाओं में विश्व रिकॉर्ड कायम किया: 100 मीटर में समय 9.69 था और इस तरह उन्होंने 9.72 समय लेकर अपना ही रिकार्ड तोड़ा और 200 मीटर स्पर्धा में उन्होंने 19.30 सेकेंड लेकर 1996 के अटलांटा ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में माइकल जॉनसन का 19.32 सकेड का रिकॉर्ड तोड़ दिया।

दिन रात संघर्ष और मेहनत कर वे लगातार चैंपियनशिप जीतते चले जा रहे थे और ओलिंपिक खेलो के साथ-साथ बहुत से स्थानिक खेलो में भी उन्होंने जीत दर्ज की। जिनमे मुख्य रूप से बीजिंग, लन्दन और रिओ के ओलिंपिक खेलो की जीत और बर्लिन, Daegu, मास्को और बीजिंग की IAAF वर्ल्ड टी & एफ चैंपियनशिप भी शामिल है। 


 



 
 
 

ओलंपिक में वर्ल्ड रिकॉर्ड 


100 मीटर :

बोल्ट ने सबसे पहले न्यूयॉर्क में 2008 रिबॉक ग्रांड प्रिक्स (Reebok Grand Prix) में विश्व रिकॉर्ड तोड़ दिया जब उन्होंने 9.72 सेकंड का समय निकाला।
2009 विश्व चैंपियनशिप में फिर से 2008 के ओलंपिक में अपने समय पर सुधार करते होए 9.58 सेकंड का समय निकाला।
9.69 seconds: 2008 बीजिंग में ओलंपिक
9.58 seconds: 2009 बर्लिन विश्व चैंपियनशिप
9.63 seconds: 2012 लंदन में ओलंपिक

200 मीटर :

2008 ओलंपिक्स में बोल्ट ने माइकल जॉनसन का 12 वर्ष का रिकॉर्ड तोडा।
19.19 seconds: 2009 बर्लिन में विश्व चैंपियनशिप 
19.30 seconds: 2008 बीजिंग में ओलंपिक 
19.32 seconds: 2012 लंदन में ओलंपिक 
19.40 seconds: 2011 Daegu में विश्व चैंपियनशिप 

विश्व चैंपियनशिप 

2009 में बर्लिन में 100m में Gold
2009 में बर्लिन में 200m में Gold
2009 में बेर्लिन में 4 × 100m Realy Gold
2007 में ओसाका में 200m में Silver
2007 में ओसाका में 4 × 100m Realy Gold

विश्व जूनियर चैम्पियनशिप 

2002 में किंग्स्टन में 200m में Realy Silver
2002 में किंग्स्टन में 4×400m Realy Silver

विश्व युवा चैम्पियनशिप 

2003 में शेरब्रूक में 200m Gold

विश्व एथलेटिक्स फाइनल 

2009 में थेसालोनिकी में 200m Silver


उसैन बोल्ट की सफलता की सीड़ियाँ 

2002 के विश्व जूनियर चैंपियनशिप में 200 मीटर में स्वर्ण पदक जीतकर उन्होंने एक अलग पहचान बनाई। बोल्ट कम उम्र में विश्व जूनियर चैम्पियन के खिताब जीतने वाले विजेता बन गए। बोल्ट ने 2003 के युवा विश्व चैम्पियनशीप में एक स्वर्ण पदक जीता। 200 मीटर को 20.40 सेकण्ड में पूरा किया



साल 2008, 2012 और 2016 में हुए ओलंपिक में उनहोंने 100 मीटर,  200 मीटर और 400 मीटर रिले रेस में गोल्ड मेडल जीता और इस तरह वह नाइन टाइम ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट बन गए। वह 11 बार वर्ल्ड चैंपियन भी बन चुके हैं । उन्होंने साल 2009 से  साल 2015 तक हुई सभी World Championship गोल्ड मेडल जीते हैं । वह वर्ल्ड चैंपियनशिप के अब तक के सबसे सक्सेसफुल एथलीट है । उनकी इस तेज रफ्तार ने उनके फैंस और मीडिया से उन्हें एक नया नाम “लाइटनिंग बोल्ट”  यानी की तूफानी बोल्ट दिलवाया और उन्हें स्पोर्ट्स में उनके बेहतरीन प्रदर्शन के लिए IAAF World Athlete Of The Year, Track And Field Athlete Of The Year, BBC Overseas Personality Of The Year और Laureus World Sportsman Of The Year आदि पुरस्कारों से नवाजा गया।  2017 की वर्ल्ड चैंपियनशिप के बाद बोल्ट ने स्पोर्ट्स की दुनिया को अलविदा कहा।






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