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Tarkeshwar Scandal-तारकेश्वर कांड

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 तारकेश्वर मामला (जिसे तारकेश्वर कांड या महंत-एलोकेशी मामला भी कहा जाता है) ब्रिटिश राज के दौरान 19वीं शताब्दी के बंगाल में एक सार्वजनिक कांड को संदर्भित करता है। यह एक सरकारी कर्मचारी नोबिन चंद्र की पत्नी एलोकेशी और तारकेश्वर शिव मंदिर के ब्राह्मण प्रधान पुजारी (या महंत) के बीच एक अवैध प्रेम संबंध के परिणामस्वरूप हुआ। नोबिन ने बाद में प्रेम संबंध के कारण अपनी पत्नी एलोकेशी का सिर काट दिया। 1873 के तारकेश्वर हत्याकांड को एक अत्यधिक प्रचारित परीक्षण के बाद, जिसमें पति और महंत दोनों को अलग-अलग डिग्री में दोषी पाया गया था। बंगाली समाज ने महंत के कार्यों को दंडनीय और आपराधिक माना, जबकि नोबिन की एक बेहूदा पत्नी की हत्या की कार्रवाई को सही ठहराया। परिणामी सार्वजनिक आक्रोश ने अधिकारियों को दो साल बाद नोबिन को रिहा करने के लिए मजबूर किया। यह कांड कालीघाट पेंटिंग और कई लोकप्रिय बंगाली नाटकों का विषय बन गया, जिसमें अक्सर नोबिन को एक समर्पित पति के रूप में चित्रित किया जाता था। महंत को आम तौर पर एक महिलावादी के रूप में प्रस्तुत किया जाता था, जो युवा महिलाओं का फायदा उठाता था। हत्या की शिकार एलोके

SPRING OF COLOR - HOLI

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होलिका दहन इस साल गुरुवार, 17  मार्च 2022  को किया जाएगा. होलिका दहन की पूजा का शुभ मुहूर्त रात 9 बजकर 20 मिनट से 10 बजकर 31 मिनट तक रहेगा. उसके बाद भद्रा मुख लग जाएगा जिसमें होलिका दहन नहीं किया जाता है. कुल मिलाकर, होलिका दहन के लिए 1 घंटे 10 मिनट का समय रहेगा. होली (Festival Colors) भारत में हिंदुओं का एक प्रसिद्ध त्यौहार है। यह त्यौहार (color holi) फागुन महा में मनाया जाता है। इस त्यौहार को शांति और भाईचारे का प्रतीक भी माना जाता है क्योंकि इस दिन हर व्यक्ति, छोटे और अमीर, गरीब, सभी को चेहरे पर प्यार का प्रतीक  रंग और गुलाल   लगवाकर अपना प्यार दिखाना चाहिए। होलिका दहन फागुन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है।  होली  (Festival Colors)  का यह महान त्यौहार केवल भारत में ही नहीं बल्कि अन्य देशों में भी बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। रंग बिरंगे चेहरे देखकर क्या बच्चे, क्या बूढ़े, क्या पुरुष, क्या महिलाएं, सभी के मन में एक उमंग पैदा हो जाती है। कहा जाता है कि भगवान कृष्ण ने गोपियों के साथ रासलीला के दौरान विभिन्न रंग

LORD SHIVA

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प्रस्तावना  भारत में हिंदुओं द्वारा 33 करोड़ देवी देवताओं की पूजा अर्चना की जाती है परंतु उसमें महादेव एक प्रमुख स्थान रखते है। देवों के देव महादेव अनादि और अनंत है भारतवर्ष में सभी देवी देवताओं की जन्म कथाएं प्रचलित है किंतु महादेव अजन्मे है इसका तात्पर्य यह है कि वह सृष्टि की रचना से पहले से इस सृष्टि में विद्यमान है और जब यह सृष्टि समाप्त हो जाएगी तब सिर्फ और सिर्फ महादेव ही इस सृष्टि में होंगे।ऐसा माना जाता है कि पृथ्वी की पूर्ण शक्ति इसी पंचाक्षर मंत्र मे निहित है। त्रिदेवो मे ब्रह्मदेव  सृष्टि रचयिता,  श्रीहरि पालनहार और भगवान भोलेनाथ विध्वंसक है शिव जी बहुत जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं इस वजह से उन्हें आशुतोष ही कहा जाता है। भगवान शिव की आराधना करने वालों ने  शैव नाम से एक संप्रदाय चलाया है । इस संप्रदाय में  सिर्फ भगवान शिव की उपासक होते है।  शैव  संप्रदाय द्वारा सिर्फ भगवान शिव की पूजा-अर्चना और उपासना की जाती है। शास्त्रों और पुराणों के अनुसार भगवान शिव के 108 नाम है उसमें से सबसे ज्यादा प्रचलित नाम भगवान शिव, शंकर, भोलेनाथ, पशुपति, त्रिनेत्र, पार्वतिनाथ आदि है। शिव-शक्ति  स्व

Proud Day Of India- Republic Day

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  26 जनवरी का दिवस भारत मे गणतंत्र के रूप एक राष्ट्रीय पर्व की तरह मनाया जाता है । 26 जनवरी, 1950 के दिन भारत को  गणतांत्रिक राष्ट्र घोषित किया गया था । इसी दिन स्वतंत्र भारत का नया संविधान लिखा गया था । यह भारतीय लोगोके लिए गौरवका दिन था । संविधान के अनुसार डॉ. राजेन्द्र प्रसाद स्वतंत्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति बने । 26 जनवरी को हर वर्ष गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता रहा है । 26 जनवरी पूरे देश भर में विशेष कार्यक्रम होते हैं । विद्‌यालयों, कार्यालयों तथा सभी प्रमुख स्थानों में राष्ट्रीय झंडा तिरंगा फहराने का कार्यक्रम होता है । बच्चे का इसमे महत्वपूर्ण स्थान होता है। लोग एक-दूसरे को बधाई देते हैं । स्कूली बच्चे जिला मुख्यालयों, प्रांतों की राजधानियों तथा देश की राजधानी के परेड में भाग लेते हैं । विभिन्न स्थानों में सांस्कृतिक गतिविधियाँ होती हैं । लोकनृत्य, लोकगीत, राष्ट्रीय गीत तथा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम होते हैं ।  गणतंत्र दिवस के अवसर पर मुख्य कार्यक्रम राजधानी दिल्ली में होता है । विजय चौक पर मंच बना होता है जहां दर्शको तंता लगा होता है । राष्ट्रपति अपने अंगरक्षकों के साथ