The Panerai Legacy: From Naval Innovation to Luxury Icon

Image
पैनराई, जिसे घड़ियों का शौक रखने वाले लोग अच्छी तरह से जानते हैं, अब एक स्विस निर्मित घड़ी ब्रांड है जिसकी इतालवी जड़ें डेढ़ सदी से भी अधिक पुरानी हैं। कंपनी का एक लंबा इतिहास है, लेकिन एक प्रतिष्ठित कलेक्टर ब्रांड के रूप में इसकी जबरदस्त उभरने की कहानी, जिसे दुनिया भर में एक पंथ जैसी अनुयायी (जिसे पनेरिस्ती कहा जाता है) मिली है, सिर्फ 20 साल पुरानी है। यहां हम पैनराई की उत्पत्ति, इसके सैन्य और समुद्री इतिहास, और इसकी आधुनिक-काल की प्रतिष्ठित स्थिति पर एक नजर डालते हैं। पैनराई की उत्पत्ति और इसका प्रारंभिक सैन्य इतिहास 1860 में, इतालवी घड़ी निर्माता जियोवानी पैनराई ने फ्लोरेंस के पोंटे आले ग्राज़ी पर एक छोटी घड़ी निर्माता की दुकान खोली, जहाँ उन्होंने घड़ी की सेवाएं प्रदान करने के साथ-साथ एक घड़ी निर्माण स्कूल के रूप में भी काम किया। कई वर्षों तक, पैनराई ने अपनी छोटी दुकान और स्कूल का संचालन किया, लेकिन 1900 के दशक में कंपनी ने रॉयल इटालियन नेवी के लिए घड़ियों का निर्माण शुरू किया। इसके अलावा, उनकी दुकान, जी. पैनराई और फिग्लियो, पियाज़ा सैन जियोवानी में एक अधिक केंद्रीय स्थान पर स्थानां

ISAAC ASIMOV- Father Of Robotics

ISAAC ASIMOV- Father Of Robotics


"फाउंडेशन" श्रृंखला,"गैलेक्टिक एम्पायर" श्रृंखला और रोबोट (robotics) श्रृंखला के जनक, विज्ञान कथाओ के एक शानदार लेखक, 500 से अधिक किताबें और अनुमानित 90,000 अक्षरों और पोस्टकार्डों के संपादक और बोस्टन विश्वविद्यालय में जैव रसायन शास्त्र के प्रोफेसर रह चुके इसहाक असिमोव का परिचय यह दरशाता है कि उनका जीवन आज के विद्यार्थीयो के लिये प्रेरणा स्रोत हैा उनकी पुस्तकें डेवी दशमलव वर्गीकरण की 10 प्रमुख श्रेणियों में से 9 में प्रकाशित हुई हैं। असिमोव ने हार्ड साइंस फिक्शन लिखा।  "बिग थ्री" विज्ञान कथा लेखकों  रॉबर्ट ए हेनलेन और आर्थर सी क्लार्क के साथ असिमोव को भी एक माना जाता है।

जीवन परिचय

असिमोव का जन्म 2 जनवरी 1920 मे बेलोरशियन सोवियत सोशलिस्ट रिपब्लिक के पेट्रोविची (सोवियत के समय में यह बस्ती कुछ समय के लिए रूसी एसएफएसआर के महिलो गुबेरनिया के अधीन थी जिसे बाद में आरएसएफएसआर के स्मोलेंस्क ओब्लास्ट को हस्तांतरित कर दिया गया था, जो अब रूस है) में चक्की चलाने वालों के एक यहूदी परिवार में हुआ था। उनके माता-पिता का नाम एन्ना राचेल बर्मन तथा जूदा असिमोव था। हिब्रू और ग्रेगोरियन कैलेंडर के बीच के अंतर तथा रिकॉर्डों की कमी की वजह से उनकी सही जन्म तिथि के बारे में अनिश्चितता बनी हुई है। असिमोव स्वयं अपने जन्मदिन को 2 जनवरी को मनाते थे।

असिमोव, जूडा और अन्ना राहेल असिमोव के तीन बच्चों में से पहले थे। उनके पिता ने अपने बच्चों की बहुत अच्छे से परवरिश की लेकिन राजनीतिक परिस्थितियों के कारण 1923 में परिवार को ब्रुकलिन, न्यूयॉर्क में बसना पडा, जहां उन्होंने अपना एक कैंडी स्टोर संचालन किया। असिमोव एक उत्कृष्ट छात्र थे ।

ISAAC ASIMOV- Father Of Robotics

असिमोव बचपन में साइंस फिक्शन या विज्ञान गल्प कथाओं को पढ़ा करते थे। 11 साल की छोटी उम्र से ही उन्होंने कहानियां लिखना शुरू कर दिया था। 1934 में उन्होंने अपनी पहली कहानी हाई स्कूल अख़बार में प्रकाशित की। उन्होंने 1939 में कोलंबिया यूनिवर्सिटी से बीएससी की। इसके बाद 1948 में केमिस्ट्री में पीएचडी पूरी की। इस दौरान उन्हें दूसरे विश्व युद्ध के समय नेवी में काम करना पड़ा। बाद में असिमोव बॉस्टन यूनिवर्सिटी की स्कूल ऑफ मेडिसिन फैकल्टी में पढ़ाने लगे। 

फ़ाउन्डेशन शृंखला

फ़ाउन्डेशन शृंखला में "सूरज और अंतरिक्ष यान" का निशान आकाशगंगीय साम्राज्य का राजचिह्न था फ़ाउन्डेशन शृंखला प्रसिद्ध विज्ञान कथा लेखक आईज़ैक असिमोव द्वारा रचित सात उपन्यासों में विस्तृत एक विज्ञान कथा है। इस शृंखला की पृष्ठभूमि सूदूर भविष्य में है, जिसमें मनुष्य हमारी आकाशगंगा में फैल गए हैं और उनकी जनसँख्या एक लाख खरब तक पहुँच चुकी है। पूरे आकाशगंगा में एक आकाशगंगीय साम्राज्य फैला हुआ है। इस दौर में हैरी सॅल्डन नामक एक वैज्ञानिक और गणितिज्ञ एक नए विज्ञान का आविष्कार करता है, जिसका नाम मनोवैज्ञानिक-इतिहास  है। उसके अनुसार जब मनुष्यों की आबादी इतनी अधिक हो जाए तो गणित के ज़रिये यह भविष्यवानियाँ की जा सकती हैं कि आने वाले इतिहास में कौन सी बड़ी घटनाएँ घटेंगी। वह यह भविष्यवाणी करता है कि आकाशगंगीय साम्राज्य का अंत निश्चित है और उसके बाद तीस हज़ार साल का एक अन्धकारमय युग चलेगा जिसमें मानवों की बहुत दुर्दशा होगी। लेकिन वह यह भी भविष्यवाणी करता है कि यदि कुछ क़दम उठाये गए तो इस अन्धकार काल को केवल एक हज़ार साल तक सीमित रखा जा सकता है, जिसके बाद एक दूसरा साम्राज्य उठेगा और सुव्यवस्था लाएगा। इसके लिए वह आकाशगंगा के "दो छोरों" पर दो अलग संस्थानेे बनता है। पहली संस्था  का काम है कि वह तरह-तरह की समस्याओं और मुश्किलों से जूझकर दूसरे साम्राज्य को अस्तित्व में लाने में सहायक हो। लेकिन इस कार्य में इतिहास के अगले पन्नों में क्या होना है, यह उस से छुपा रखा जाएगा। सन् १९६६ में इसने "सर्वश्रेष्ठ विज्ञान कथा शृंखला" के लिए ह्यूगो पुरस्कार जीता। .

रोबॉटिक्स (robotics) के नियम

रोबॉटिक्स (robotics) के नियम वें मापदंड, सिद्धांत व कानून हैं जिनके तहत एक रोबोट का बर्ताव व कार्य करने का ढंग निर्धारित किया जाता है। इस तरह के रोबोट अब तक बनाए नहीं गए है परन्तु इन्हे काल्पनिक विज्ञान, फ़िल्मों और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में संशोधन के लिए उपयोग किया जाता है। अब तक के सबसे उत्तम नियम आईज़ैक असिमोव ने 1940 में लिखे थे परन्तु कईं अन्य संशोधकों ने भी नए नियम बनाए है।


एक लेखक के तौर पर असिमोव के करियर को कई भागों में बांटा जा सकता है। शुरू में उन्होंने साइंस फिक्शन की लघु कथाएं और उपन्यास लिखे। 1958 के बाद उन्होंने नॉन फिक्शन लिखना शुरू किया। उनकी पॉपुलर साइंस किताब बहुत मशहूर हुई। इसके बाद 1982 से उन्होंने फिर से साइंस फिक्शन पर लिखा।

असिमोव ने अंग्रेजी भाषा को कुछ नए शब्द दिए जिन्हें ऑक्सफोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी में शामिल किया गया है। इनमें से कुछ शब्द हैं: रोबॉटिक्स, पॉजिट्रोनिक्स, सायकोहिस्ट्री।

असिमोव को उनके साइंस फिक्शन पर किए काम के लिए दर्जनों अवॉर्ड मिले। उन्हें अलग-अलग यूनिवर्सिटी से 14 ऑनरेरी डॉक्टरेट की डिग्रियां भी मिली हैं।

1992 में उनकी मौत 6 अप्रैल को न्यू यॉर्क सिटी में हुई। NYU मेडिकल सेंटर में एक दूषित रक्त आधान के कारण एड्स से उनकी मृत्यु हो गई, जब उन्हें दिल का दौरा पड़ने के बाद 1983 में ट्रिपल बाईपास सर्जरी हुई।अधिकांश लोगों का मानना था कि यह केवल समलैंगिक लोगों और ड्रग उपयोगकर्ताओं को संक्रमित करता है, डॉक्टरों ने इसे सार्वजनिक ना करने की सलाह दी। इसलिए जब उनकी मृत्यु हुई तो यह हृदय और गुर्दे की विफलता के रूप में बताया गया।

पुरस्कार

·         बिल्डिंग ब्लॉक्स ऑफ दी यूनिवर्स के लिए 1957  – थॉमस अल्वा एडीसन फाउंडेशन एवार्ड

·         दी लिविंग रिवर के लिए अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की ओर से 1960 – हावर्ड डब्लू. ब्लेक्सली एवार्ड

·         1962 – बोस्टन यूनिवर्सिटीज़ पब्लिकेशन मेरिट एवार्ड

·         मैग्जीन ऑफ फेंटेसी एंड साइंस फिक्शन में प्रकाशित निबंधों द्वारा "एडिंग साइंस टू साइंस फिक्शन" के लिए 1963  – स्पेशल ह्यूगो एवार्ड

·         दी अमेरिकन केमिकल सोसायटी के 1965  – जेम्स टी. ग्रेडी एवार्ड (इन्टर्प्रेटिंग केमिस्ट्री के लिए जेम्स टी. ग्रेडी को जेम्स एच. स्टेक कहा जाता है)

·         फाउंडेशन सीरीज के लिए 1966  – बेस्ट ऑल टाइम नॉवेल सीरीज ह्यूगो एवार्ड

·         1967  – वेस्टिंगहाउस साइंस राइटिंग एवार्ड

·         सर्वश्रेष्ठ नॉवेल के लिए दी गोड्स देम्सेलव्स को 1972  – नाब्युला एवार्ड दिया गया।

·         सर्वश्रेष्ठ नॉवेल के लिए दी गोड्स देम्सेलव्स को 1973  – ह्यूगो एवार्ड दिया गया।

·         सर्वश्रेष्ठ साइंस फिक्शन नॉवेल के लिए दी गोड्स देम्सेलव्स  को 1973 – लोकस एवार्ड दिया गया।

·         सर्वश्रेष्ठ नॉवेलेट के लिए दी बिकेंटेंनियल मेन को 1977 – ह्यूगो एवार्ड दिया गया।

·         सर्वश्रेष्ठ नॉवेलेट के लिए दी बिकेंटेंनियल मेन को 1977 – ह्यूगो एवार्ड दिया गया

·         1981  – 5020 असिमोव नामक ऐस्टरॉइड का नाम उनके सम्मान में रखा गया है

·         1983 – सर्वश्रेष्ठ नॉवेल के लिए फाउंडेशन्स एज को ह्यूगो एवार्ड दिया गया

·         1983 – सर्वश्रेष्ठ साइंस फिक्शन नॉवेल के लिए फाउंडेशन्स एज को लोकस एवार्ड दिया गया

·         1987 – नाब्युला ग्रैंड मास्टर एवार्ड, लाइफटाइम अचीवमेंट एवार्ड

·         1992  – सर्वश्रेष्ठ नॉवेलेट के लिए गोल्ड को ह्यूगो एवार्ड दिया गया

·         1995 – सर्वश्रेष्ठ नॉनफिक्शन के लिए आई। असिमोव: मेम्वर को ह्योगो एवार्ड दिया गया

·         1996  – 1945 की सर्वश्रेष्ठ उपन्यास के लिए 1946 रेट्रो-ह्यूगो को 'दी म्यूल' कहानी के लिए 1996 WorldCon में दिया गया था। 'दी म्यूल' एस्टाउँडिंग साइंस फिक्शन में प्रकाशित होने वाली सातवीं फाउंडेशन कहानी है।

·         1997 – साइंस फिक्शन एंड फैन्टसी हॉल ऑफ फेम में मरणोपरांत शामिल किया जाना

·         2009 – उनके सम्मान में मंगल ग्रह पर एक क्रेटर का नाम असिमोव रखा गया

·         विभिन्न विश्वविद्यालयों से 14 मानद डॉक्टरेट डिग्रियां

प्रेरक विचार

हिंसा अयोग्यता का अंतिम आश्रय स्थल है ।

जहाँ अच्छे विचारों की कमी होती है वहीं पर बोरियत महसूस होने लगती  है ।

शिक्षा ऐसी चीज है जो कभी खत्म नहीं होती है । यह बढ़ती जाती है ।

कभी नैतिक मूल्यों को सही काम करने के रास्ते में आने न दीजिये ।

स्वाध्याय, मुझे पूरा विश्वास है, शिक्षा की ही तरह है ।

कम्पीटीशन का सामना न करने वाले लोग ही लड़ाई-झगड़े करने लगते हैं ।

अगर दुनिया में वाकई किसी तरह की शिक्षा है तो वह है खुद को शिक्षित करना ।

जिन्दगी खुशनुमा है और मौत शांतिपूर्ण । इन दोनों के बीच का सफर मुश्किलों से भरा है ।

चीजों को गहराई से जानने की बजाय उनकी खोज करने से लाभ मिलेगा ।

कुछ लोगो को लगता है की वो सब जानते हैं । इस किस्म के लोग उन लोगों के लिए ज्यादा परेशानी का कारण बनते हैं जो वाकई जानकार हैं ।

नई तकनीकों या अविष्कार से भयभीत होने की जरूरत नहीं है, लेकिन उन तकनीकों के मौजूद न होने से डरना चाहिए ।

डॉक्टर कहें कि आपकी ज़िन्दगी में सिर्फ छ: मिनट बचे हैं तो रोने-धोने या चिल्लाने न लग जाएँ । आप जो कुछ कर रहें हैं उस काम को और तेज़ी से करने लगें ।

मौत के बाद जिन्दगी कैसी होगी,  इस बारे में सोचने की जरूरत नहीं है । ऐसा करने से  आप न तो नर्क से भयभीत होंगे और न ही स्वर्ग की बोरियत के बारे में सोचेंगे ।

कभी यह न सोचिये कि आपको कुछ नही आता या आपकी कोई अहमियत नहीं है । क्योंकि लोग आपको उसी तरीके से लेते हैं जैसे आप खुद के बारे में सोचते हैं ।

समाज में एक चीज जरूरी है वह है बदलाव, इसीलिए कोई भी निर्णय लेने से पहले ए मत सोचिये कि दुनिया कैसी है ? यह जरुर सोचिये की दुनिया कैसी हो सकती है ? भविष्य का ध्यान रखिये ।

------धन्यवाद

Comments