The Panerai Legacy: From Naval Innovation to Luxury Icon

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पैनराई, जिसे घड़ियों का शौक रखने वाले लोग अच्छी तरह से जानते हैं, अब एक स्विस निर्मित घड़ी ब्रांड है जिसकी इतालवी जड़ें डेढ़ सदी से भी अधिक पुरानी हैं। कंपनी का एक लंबा इतिहास है, लेकिन एक प्रतिष्ठित कलेक्टर ब्रांड के रूप में इसकी जबरदस्त उभरने की कहानी, जिसे दुनिया भर में एक पंथ जैसी अनुयायी (जिसे पनेरिस्ती कहा जाता है) मिली है, सिर्फ 20 साल पुरानी है। यहां हम पैनराई की उत्पत्ति, इसके सैन्य और समुद्री इतिहास, और इसकी आधुनिक-काल की प्रतिष्ठित स्थिति पर एक नजर डालते हैं। पैनराई की उत्पत्ति और इसका प्रारंभिक सैन्य इतिहास 1860 में, इतालवी घड़ी निर्माता जियोवानी पैनराई ने फ्लोरेंस के पोंटे आले ग्राज़ी पर एक छोटी घड़ी निर्माता की दुकान खोली, जहाँ उन्होंने घड़ी की सेवाएं प्रदान करने के साथ-साथ एक घड़ी निर्माण स्कूल के रूप में भी काम किया। कई वर्षों तक, पैनराई ने अपनी छोटी दुकान और स्कूल का संचालन किया, लेकिन 1900 के दशक में कंपनी ने रॉयल इटालियन नेवी के लिए घड़ियों का निर्माण शुरू किया। इसके अलावा, उनकी दुकान, जी. पैनराई और फिग्लियो, पियाज़ा सैन जियोवानी में एक अधिक केंद्रीय स्थान पर स्थानां...

P.V Sindhu (Pusarla Venkata Sindhu) "Be Sad After Losing A ChanceTo Win A Gold Or Rejoice AT A Chance To Win A Medal "

Be Sad After Losing A ChanceTo Win A Gold Or Rejoice AT A Chance To Win A Medal - P.V Sindhu (Pusarla Venkata Sindhu)
P.V Sindhu (Pusarla Venkata Sindhu)


P.V Sindhu (Pusarla Venkata Sindhu) "Be Sad After Losing A ChanceTo Win A Gold Or Rejoice AT A Chance To Win A Medal "

पुसरला वेंकट सिंधु (Pusarla Venkata Sindhu) ( जन्म: 5 जुलाई 1995) एक विश्व वरीयता प्राप्त भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी हैं और ओलंपिक खेलों में महिला एकल बैडमिंटन में रजत पदक और कांस्य पदक जीतने वाली भारत की पहली खिलाड़ी हैं। इससे पहले वह भारत की नेशनल चैंपियन भी रह चुकी हैं। सिंधु ने नवंबर 2016 में चाइना ओपन का खिताब जीता है। ओलंपिक रजत पदक विजेता पीवी सिंधु ने बीडब्ल्यूएफ विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में शानदार जीत दर्ज कर पहली बार खिताब अपने नाम किया है। वह विश्व चैंपियनशिप जीतने वाली पहली भारतीय शटलर हैं। फाइनल में उन्होंने जापान की नोजोमी ओकुहारा को 21-7, 21-7 से हराया। उन्होंने 24 अगस्त 2019 को आयोजित सेमीफाइनल मैच में चीन की चेन युफेई को 21-7, 21-14 से हराया। सिंधु ने विपक्षी चीनी चुनौती को 39 मिनट के भीतर सीधे सेटों में समाप्त कर दिया। टोक्यो ओलंपिक 2020 में पीवी सिंधु ने चीन की ही बिंग (HE BING JIAO) को हराकर कांस्य पदक जीता।

कांस्य पदक मुकाबले में चीन जनवादी गणराज्य की HE Bing 


Jiao को हराने के बाद Sindhu ने रचा ओलंपिक इतिहास, कहा यह पदक उनके परिवार के लिए है।

भारत के इतिहास में दो ओलंपिक पदक जीतने वाली PV Sindhu ने कांस्य अपने परिवार को समर्पित किया और मैच के बाद वह रो पड़ी कल सेमिफाइनल मुकाबले में हारने के बाद Sindhu ने मानसिक शक्ति दिखाते हुए कांस्य पदक मुकाबले में चीन जनवादी गणराज्य की HE Bing Jiao को 21-13, 21-15 पराजित किया।


 मैच के बाद उन्होंने कहा, "मैं बहुत खुश हूँ क्योंकि मैंने इसके लिए बहुत साल कड़ा परिश्रम किया है। मेरे मन बहुत खयाल आ रहे थे और मैं दुविधा में थी कि स्वर्ण जीतने का अवसर खोने के बाद दुखी रहूं या पदक जीतने का एक मौका पाने के ख़ुशी मनाऊं। मुझे अपनी भावनाओं और विचारों को अलग रख कर सिर्फ इस मैच पर अपना ध्यान केंद्रित करना था और मैंने वही किया।"


 


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 इस मुकाबले के प्रति अपनी रणनीति के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, "यह एक नया मुकाबला था और हम दोनो को कल हार का सामना करना पड़ा था। इसलिए यह मुकाबला हमारे लिए बहुत महत्त्वपूर्ण था। बढ़त लेने के बाद भी मैंने मुकाबले से अपना ध्यान नहीं हटाया क्योंकि वह हर समय बस दो ही अंक से मुझसे पीछे थी।"


 साल 2016 के रियो खेलों में रजत जीतने के बाद Sindhu से टोक्यो 2020 में स्वर्ण की आशा थी लेकिन वह सेमिफाइनल में हार गयी। इस निराशा के बाद भी पूरा देश उनसे कांस्य पदक की आशा कर रहा था और उन्होंने प्रत्येक देशवासी का धन्यवाद दिया।


 अपने देश के लिए पदक जीतना मेरे लिए बहुत गर्व की बात है। मुझे पूर्ण विश्वास है की हज़ारों लाखों भारतीयों ने मेरा समर्थन किया है और मैं प्रत्येक भारतीय का धन्यवाद देना चाहती हूँ। मैंने उन्हें यहां बहुत मिस किया।


 Sindhu ने युवाओं को संदेश देते हुए कहा, "यह खेल आगे बढ़ रहा है और मैं आशा करती हूँ की इससे युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगा और वह आगे बढ़ेंगे। अगर मैं यह कर सकती हूँ तो वह भी कर सकते हैं।"


 बड़ी और प्रतिष्ठित प्रतियोगिताओं में सफलता के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, "हर बार जब मैं विजयी होती हूँ तो मुझे बेहतर प्रदर्शन करने की प्रेरणा मिलती है। मैं बेहतर करने का प्रयास करती हूँ और अधिक परिश्रम करती हूँ। एक बार अगर आप सफल हो जाएं तो वह सफलता पाने का मन दोबारा करता है।"


 


 अपने परिवार के बारे में बात करते हुए PV Sindhu रो पड़ी और उन्होंने कहा, "मैं सातवें आसमान पर हूँ और मेरे लिए यह क्षण बहुत खास है क्योंकि मेरे परिवार सदस्यों ने इसके लिया बहुत परिश्रम किया है जिसके लिए मैं उनका धन्यवाद देना चाहूंगी। यह मेरे परिवार के लिए है।"

प्रारंभिक जीवन और प्रशिक्षण

सिंधु पूर्व वॉलीबॉल खिलाड़ी पी.वी. रमन और पी. विजया के यहाँ  5 जुलाई 1995 को जन्म लिया । वॉलीबॉल के खेल में उल्लेखनीय कार्य के लिए रमन को वर्ष 2000 में भारत सरकार का प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कार भी मिला है। उनके माता-पिता पेशेवर वॉलीबॉल खिलाड़ी थे, लेकिन सिंधु ने पुलेला गोपीचंद से प्रभावित होकर बैडमिंटन को अपने करियर के रूप में चुना सिर्फ आठ साल की उम्र में बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया। 2001 ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियन बनीं,  सिंधु ने पहली बार सिकंदराबाद में भारतीय रेलवे सिग्नल इंजीनियरिंग और दूरसंचार बैडमिंटन कोर्ट में महबूब अली के मार्गदर्शन में बैडमिंटन की मूल बातें सीखीं। इसके बाद वह पुलेला गोपीचंद की गोपीचंद बैडमिंटन अकादमी में शामिल हो गईं। बाद में उन्होंने मेहदीपट्टनम से इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की।

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आजीविका

अंतरराष्ट्रीय सर्किट में, सिंधु कोलंबो में आयोजित 2009 सब जूनियर एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप में कांस्य पदक विजेता रही हैं। इसके बाद उन्होंने 2010 में ईरान फज्र इंटरनेशनल बैडमिंटन चैलेंज के एकल वर्ग में रजत पदक जीता। वह उसी वर्ष मैक्सिको में आयोजित जूनियर विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल में पहुंचीं। उन्होंने 2010 थॉमस और उबेर कप के दौरान भारत का प्रतिनिधित्व किया और राष्ट्रीय टीम की सदस्य थी।


14 जून 2012 को इंडोनेशिया ओपन में सिंधु जर्मनी की जूलियन शेंक से 21-14, 21-14 से हार गईं। 7 जुलाई 2012 को, उन्होंने एशिया यूथ अंडर-१९ चैम्पियनशिप के फाइनल में जापानी खिलाड़ी नोज़ोमी ओकुहारा को 18-29, 29-17, 22-20 से हराया। उन्होंने 2012 के चाइना ओपन (बैडमिंटन) सुपर सीरीज टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में  लंदन ओलंपिक 2012 के स्वर्ण पदक विजेता चीन की ली ज़ुएरो को  9-29, 29-16 से हराया। । वह चीन के ग्वांगझू में आयोजित 2013 विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में एकल पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। इसमें उन्होंने ऐतिहासिक कांस्य पदक जीता। शीर्ष वरीयता प्राप्त 18 वर्षीय सिंधु ने महज 37 मिनट तक चले खिताबी मुकाबले में मिशेल को 21-15, 21-15 से हराकर अपना दूसरा ग्रैंड प्रिक्स स्वर्ण खिताब जीता। उन्होंने इससे पहले मई में मलेशिया ओपन जीता था। सिंधु ने शुरू से ही दबदबा बनाया और सातवीं वरीयता प्राप्त कनाडा को कोई मौका नहीं दिया। पीवी सिंधु ने दिसंबर 2013 में भारत की 78वीं सीनियर राष्ट्रीय बैडमिंटन चैंपियनशिप का महिला एकल खिताब जीता।

2016 रियो ओलंपिक

सिंधु ने ब्राजील के रियो डी जनेरियो में आयोजित 2016 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक खेलों में भारत का प्रतिनिधित्व किया और महिला एकल स्पर्धा के फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। सेमीफाइनल में सिंधु ने जापान की नोजोमी ओकुहारा को सीधे शिकस्त दी 21-19 और 21-10 सेट से। फाइनल में उनका सामना दुनिया की पहली वरीयता प्राप्त स्पेन की कैरोलिना मारिन से हुआ। सिंधु ने पहला गेम 21-19 से जीता लेकिन मारिन ने दूसरा गेम 21-12 से जीत लिया, जिसकी वजह से मैच तीसरे गेम तक चला। तीसरे गेम में उन्होंने {21-15} के स्कोर से मुकाबला किया लेकिन अंत में उन्हें सिल्वर मेडल से ही संतोष करना पड़ा।



इंटरनेट पर

गूगल की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, ''सिंधु महिला एकल बैडमिंटन के सेमीफाइनल में दुनिया की छह नंबर की खिलाड़ी नोजोमी ओकुहारा को हराकर सबसे ज्यादा सर्च की जाने वाली भारतीय खिलाड़ी हैं. इसके बाद भारत के लिए पहला पदक जीतने वाली साक्षी मलिक की संख्या है. किदांबी श्रीकांत (बैडमिंटन), दीपा करमाकर (जिमनास्टिक), सानिया मिर्जा (टेनिस), साइना नेहवाल (बैडमिंटन), विनेश फोगट (कुश्ती), ललिता बाबर (3000) 16 से 19 अगस्त 2016 तक इंटरनेट पर सबसे अधिक खोजे जाने वाले भारतीय खिलाड़ियों में शामिल हैं। 


2020 टोक्यो ओलंपिक

भारत की स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने इतिहास रच दिया है। वह ओलंपिक में लगातार दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनीं। कुल मिलाकर, वह सुशील कुमार के बाद भारत की दूसरी एथलीट हैं। सिंधु ने कांस्य पदक के मुकाबले में महज 52 मिनट में चीन की जिओ बिंग हे को 21-13, 21-15 से हराया। सिंधु ने इससे पहले 2016 रियो ओलंपिक में रजत पदक जीता था। सुशील ने 2008 बीजिंग ओलंपिक में कांस्य पदक और 2012 लंदन ओलंपिक में रजत पदक जीता था। यह समग्र ओलंपिक बैडमिंटन में भारत का तीसरा पदक है।


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सम्मान 

राष्ट्रीय

राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार, भारत का सर्वोच्च खेल पुरस्कार (2016)

पद्म श्री, भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक सम्मान। (2015)

अर्जुन पुरस्कार (2013)

अन्य

फिक्की 2014 के महत्वपूर्ण खिलाड़ी। 

एनडीटीवी इंडियन ऑफ द ईयर 2014। 

2015 मकाऊ ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप जीतने के लिए भारतीय बैडमिंटन समिति की ओर से ₹10 लाख (US$14,600)।

2016 मलेशिया मास्टर्स में जीत के लिए भारत की बैडमिंटन समिति द्वारा ₹5 लाख (US$7,300)।

2016 के रियो ग्रीष्मकालीन ओलंपिक के लिए ₹1.01 लाख (US$1,500) रियो में सलमान खान की ओर से एक प्रतियोगी के रूप में अर्हता प्राप्त करने के लिए। 

तेलंगाना सरकार की ओर से ₹5 करोड़ (US$0.73 मिलियन), और जमीन।

आंध्र प्रदेश सरकार की ओर से ₹3 करोड़ (US$4,38,000), और ग्रुप ए कैडर जॉब और 1000 गज जमीन। 

दिल्ली सरकार की ओर से ₹2 करोड़ (US$2,92,000)।

अपने नियोक्ता भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन से ₹75 लाख (US$1,09,500) और साथ ही सहायक से उप खेल प्रबंधक के पद पर पदोन्नति।

हरियाणा सरकार की ओर से ₹50 लाख (US$73,000)

मध्य प्रदेश सरकार की ओर से ₹50 लाख (US$73,000)। 

युवा मामले और खेल मंत्रालय की ओर से ₹50 लाख (US$73,000)। 

भारतीय बैडमिंटन समिति से ₹50 लाख (US$73,000)।

भारतीय ओलंपिक समिति  से ₹30 लाख (US$43,800)

अखिल भारतीय फुटबॉल संघ की ओर से ₹5 लाख (US$7,300)।

हैदराबाद जिला बैडमिंटन समिति की बीएमडब्ल्यू कार। 





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