The Panerai Legacy: From Naval Innovation to Luxury Icon

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पैनराई, जिसे घड़ियों का शौक रखने वाले लोग अच्छी तरह से जानते हैं, अब एक स्विस निर्मित घड़ी ब्रांड है जिसकी इतालवी जड़ें डेढ़ सदी से भी अधिक पुरानी हैं। कंपनी का एक लंबा इतिहास है, लेकिन एक प्रतिष्ठित कलेक्टर ब्रांड के रूप में इसकी जबरदस्त उभरने की कहानी, जिसे दुनिया भर में एक पंथ जैसी अनुयायी (जिसे पनेरिस्ती कहा जाता है) मिली है, सिर्फ 20 साल पुरानी है। यहां हम पैनराई की उत्पत्ति, इसके सैन्य और समुद्री इतिहास, और इसकी आधुनिक-काल की प्रतिष्ठित स्थिति पर एक नजर डालते हैं। पैनराई की उत्पत्ति और इसका प्रारंभिक सैन्य इतिहास 1860 में, इतालवी घड़ी निर्माता जियोवानी पैनराई ने फ्लोरेंस के पोंटे आले ग्राज़ी पर एक छोटी घड़ी निर्माता की दुकान खोली, जहाँ उन्होंने घड़ी की सेवाएं प्रदान करने के साथ-साथ एक घड़ी निर्माण स्कूल के रूप में भी काम किया। कई वर्षों तक, पैनराई ने अपनी छोटी दुकान और स्कूल का संचालन किया, लेकिन 1900 के दशक में कंपनी ने रॉयल इटालियन नेवी के लिए घड़ियों का निर्माण शुरू किया। इसके अलावा, उनकी दुकान, जी. पैनराई और फिग्लियो, पियाज़ा सैन जियोवानी में एक अधिक केंद्रीय स्थान पर स्थानां...

Perky Danish Did His Duty Till His Last Breath- दिलेर दानिश ने आखिरी सांस तक अपनी ड्यूटी निभाई


Perky Danish Did His Duty Till His Last Breath
Perky Danish Did His Duty Till His Last Breath


Perky Danish Did His Duty Till His Last Breath

अफगानिस्तान में तालिबान के हमले में पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी की मौत हो गई। टोलो न्यूज ने इस बारे में जानकारी दी है। दानिश अफगानिस्तान के स्पिन बोलदाक जिले में अफगान स्पेशल फोर्सेज के साथ थे और न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के लिए रिपोर्टिंग कर रहे थे। उन्होंने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व की कई स्टोरीज की थीं।


अफगानिस्तान से पहले इराक की जंग, हॉन्क-कॉन्ग में विरोध प्रदर्शन और नेपाल के भूकंप जैसी खबरों पर भी बेहतरीन रिपोर्टिंग कर चुके थे। साल 2018 में दानिश ने अदनान अबीदी के साथ रोहिंग्या शरणार्थी संकट पर फीचर फटॉग्रफी के लिए पुलित्जर सम्मान मिला था


दानिश ने भारत में जामिया मीलिया इस्लामिया में अपनी पढ़ाई पूरी की थी। उनके निधन पर भारत में अफगानिस्तान के राजदूत फरीद मामुंजे ने ट्वीट किया- 'कंधार में दोस्त दानिश सिद्दीकी की मौत की खबर से बहुत दुखी हूं...दो हफ्ते पहले उनके काबुल जाने से पहले मैं उनसे मिला था। उनके परिवार और रॉयटर्स के लिए संवेदना है।'


रोहिंग्या संकट की रिपोर्टिंग के लिए पुरस्कार

साल 2018 में दानिश ने अदनान अबीदी के साथ रोहिंग्या शरणार्थी संकट पर फीचर फटॉग्रफी के लिए पुलित्जर सम्मान मिला था। अफगानिस्तान से पहले वह इराक की जंग, हॉन्क-कॉन्ग में विरोध प्रदर्शन और नेपाल के भूकंप जैसी खबरों पर भी बेहतरीन रिपोर्टिंग कर चुके थे। हाल ही में वह कंधार में रिपोर्टिंग कर रहे थे जहां अफगानिस्तान और तालिबान के बीच तनाव गहराने लगा था।


कुछ दिन पहले भी दानिश एक हमले का शिकार हुए थे जब उनकी और सुरक्षाबलों की गाड़ी पर 3 RPG राउंड दागे गए थे। उन्होंने ट्वीट कर अपने सुरक्षित होने की जानकारी भी दी थी और उन पर बरसाए गए रॉकेट की तस्वीर भी दिखाई थी।


दानिश के पिता प्रोफ़ेसर अख्तर सिद्दीकी ने बताया कि उनकी अपने बेटी से 2 दिन पहले बात हुई थी उन्होंने बताया कि दानिश अपने काम को लेकर बहुत सजीता थे प्रोफेशन कि आगे व वह किसी की भी नहीं सुनते थे उनको चैलेंज देना पसंद था भारतीय दूतावास उनका पार्थिव शरीर 9:00 के लिए प्रयास कर रहा है


IPI (INTERNATIONAL PRESS INSTITUTE)

मीडिया कर्मियों की वैश्विक नेटवर्क इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट आईटीआई पुलित्जर पुरस्कार विजेता भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी के अफगानिस्तान में मारे जाने पर शुक्रवार को शोक प्रकट किया आईटीआई ने इसे पत्रकारिता के लिए एक बहुत बड़ा नुकसान बताया और संघर्ष वाले क्षेत्रों से रिपोर्टिंग के दौरान पत्रकारों द्वारा सामना किए जाने वाले खतरों की याद दिलाई कई अन्य संस्थानों ने भी गहरा शोक जताया


अशरफ गनी राष्ट्रपति अफगानिस्तान


"मैं स्तंभ कर देने वाली इस खबर से बहुत दुखी हूं कि राइटर की फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी आधार में तालिबान की के अत्याचार की कवरेज के दौरान मारे गए मैं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और आजाद मीडिया तथा पत्रकारों की सुरक्षा के प्रति अपनी सरकार की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराता हूं "




दानिश सिद्दीकी जीवन-वृत्तांत (Danish Siddiqui Biography)


दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम देश के जाने-माने फोटो जर्नलिस्ट रहे दानिश सिद्दीकी के बारे में बात करेंगे. दानिश सिद्दीकी एक जुनूनी फोटो पत्रकार थे. उन्हें अपने कैमरे से बहुत प्यार था. वह अपने काम के प्रति इतने जुनूनी थे कि वह जोखिम उठाने से भी नहीं डरते थे. 16 जुलाई 2021 को कंधार में जब दानिश सिद्दीकी अपना काम कर रहे थे तभी उनकी हत्या कर दी गई.


दोस्तों दानिश सिद्दीकी पत्रकारिता जगत का एक चमकता हुआ सितारा था. पत्रकारिता जगत से संबंध रखने वाले कई लोग दानिश सिद्दीकी के बारे में जानते ही होंगे. लेकिन ऐसे में कई लोग हैं हो जानना चाहते हैं कि दानिश सिद्दीकी कौन था?, दानिश सिद्दीकी के परिवार में कौन है?, दानिश सिद्दीकी की पत्नी कौन है? इस आर्टिकल में हम इन्ही सवालों के जवाब जानेंगे. तो चलिए दोस्तों शुरू करते हैं दानिश सिद्दीकी का जीवन परिचय.


दोस्तों फोटो जर्नलिस्ट दानिश सिद्दीकी का जन्म साल 1980 में महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में हुआ था. दानिश सिद्दीकी के पिता (Danish Siddiqui Father) का नाम प्रो. अख्तर सिद्दीकी है. प्रो. अख्तर सिद्दीकी जामिया मिलिया इस्लामिया से रिटायर्ड हैं. इसके अलावा अख्तर सिद्दीकी राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के निदेशक भी रह चुके है.


दानिश सिद्दीकी ने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली के कैंब्रिज स्कूल से पूरी की. इसके बाद दानिश सिद्दीकी ने जामिया मिलिया इस्लामिया से पहले अर्थशास्त्र में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और फिर मास्टर्स इन मॉस कॉम की शिक्षा हासिल की.


दानिश सिद्दीकी ने अपने करियर की शुरुआत बतौर टीवी न्यूज कॉरेस्पॉन्डेंट के तौर पर की थी. हालाँकि उन्हें फोटोग्राफी का बहुत शौक था, यहीं कारण है कि उन्होंने फोटो जर्नलिस्ट के तौर पर अपना करियर बनाना चाहा. इसके लिए वह साल 2010 में अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रॉयटर्स में एक इंटर्न के रूप में काम करने लगे. दानिश सिद्दीकी ने जब कैमरे से फोटो लेना शुरू की तो उनकी तस्वीरे पसंद की जाने लगी.


दानिश सिद्दीकी ने अपने करियर के दौरान साल 2015 में नेपाल में आए भूकंप, साल 2016-17 में मोसुल की लड़ाई, रोहिंग्या नरसंहार से पैदा हुए शरणार्थी संकट और हांगकांग को कवर किया. इसके अलावा साल 2020 में दिल्ली में हुए दंगों के दौरान भी दानिश सिद्दीकी की तस्वीरें खासी चर्चा में रही. दिल्ली दंगों के दौरान जामिया के पास गोपाल शर्मा नाम के शख्स की फायरिंग करते हुए तस्वीर दानिश सिद्दीकी ने ही ली थी. यह तस्वीर उस समय दिल्ली दंगों की सबसे चर्चित तस्वीर में से एक थी. अपनी मेहनत के दम पर दानिश सिद्दीकी भारत में रॉयटर्स पिक्चर्स टीम के हेड भी बने.


दानिश सिद्दीकी के परिवार में उनकी पत्नी और दो बच्चे हैं. दानिश सिद्दीकी की पत्नी जर्मनी की रहने वाली है. दानिश सिद्दीकी का छह साल का एक लड़का और तीन साल की एक लड़की है.


साल 2018 में रोहिंग्या शरणार्थी समस्या पर फोटोग्राफी करने के लिए रॉयटर्स की टीम को पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. इस टीम में दानिश सिद्दीकी भी थे.


दानिश सिद्दीकी अपनी मेहनत और लगन से लगातार सफलता की बुलंदियों को छू रहे थे. वह अफगानिस्तान में जंग को कवर करने के लिए गए थे. अपने काम के दौरान दानिश सिद्दीकी कंधार के स्पिन बोल्डक जिले में तालिबान के हमले की चपेट में आ गए. इससे उनकी मृत्यु हो गई.


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