Elon Musk’s Life Story in Hindi | From Zip2 to Mars

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Elon Musk’s Life Story in Hindi | From Zip2 to Mars Elon Musk’s Life Story in Hindi | From Zip2 to Mars परिचय एलन मस्क—एक ऐसा नाम जो अब केवल तकनीकी नवाचार का पर्याय नहीं, बल्कि आधुनिक युग की संभावनाओं और सीमाओं को परिभाषित करने वाला व्यक्तित्व बन चुका है। उन्होंने अपने विचारों, कल्पनाओं और प्रयासों से न केवल एक नया व्यावसायिक आयाम रचा, बल्कि विज्ञान, अंतरिक्ष, ऊर्जा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्रों में मानवीय विकास को रफ्तार दी। उनका जीवन संघर्ष, संकल्प, और सफलता की त्रयी है। वे उन कुछ गिने-चुने लोगों में से हैं जिन्होंने मानव सभ्यता के भविष्य के लिए जोखिम उठाया और उसे वास्तविकता में परिवर्तित किया। बचपन और पारिवारिक पृष्ठभूमि एलन रीव मस्क का जन्म 28 जून 1971 को दक्षिण अफ्रीका के प्रिटोरिया शहर में हुआ था। उनके पिता एरोल मस्क एक कुशल इलेक्ट्रोमैकेनिकल इंजीनियर थे, जबकि उनकी मां मे मस्क एक जानी-मानी न्यूट्रिशनिस्ट और मॉडल थीं। एलन बचपन में अंतर्मुखी, गहराई में सोचने वाले और असामान्य रूप से जिज्ञासु थे। किताबें उनके सबसे अच्छे दोस्त हुआ करती थीं। वे विज्ञान, फिक्शन और तकनीकी पुस्तकों ...

Pakistani Social Worker- Malala Yousafzai


विश्व की सबसे कम उम्र की सबसे अधिक प्रभावशाली महिला, 2014 में शांति का नोबेल पुरस्कार विजेता और समाज सेविका, मृत्यु पर विजय पाने वाली पाकिस्तानी मलाला युसुफ़ज़ई (Pakistani Social Worker-  Malala Yousafzai)। नाम सुनते ही उनकी कोमल छवि आंखो के सामने चित्रित हो जाती है। इनको 2014 में शांति का नोबेल पुरस्कार कैलाश सत्यार्थी के साथ संयुक्त रूप से दिया गया था। मलाला (malala yousafzai)लड़कियों को पढ़ाने का काम करने के कारण वो तालिबानी आतंकवादियों की गोलियो का निशाना भी बनी क्योंकि तालिबान महिलाओ की पढ़ाई को मज़हब विरुद्ध समझते थे इसलिये तालिबान ने महिलाओ की पढ़ाई पर रोक लगाई हुई थी। इन सब तकलीफो के बवजूद वो आज भी दृढ़ होकर अपने कर्म पथ पर बिना किसी भय के चल रही है।

जीवन परिचय


पूरा नाम

मलाला युसुफ़ज़ई

जन्म दिनांक

12 जुलाई 1997

जन्मस्थान

मिंगोरा, पाकिस्तान

पिता का नाम

जियाउद्दीन युसुफ़ज़ई

माता का नाम

टूर पकाई युसुफ़ज़ई

भाइयों का नाम

खुशहाल और अटल

उम्र

23 वर्ष

धर्म

मुस्लिम (पठान)

पुरस्कार

शांति का नोबेल पुरस्कार (2014),

अंतर्राष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार (2013),

पाकिस्तान का राष्ट्रीय शांति पुरस्कार

पेशा

महिला अधिकार कार्यकर्ता, शिक्षाविद

राष्ट्रीयता

पाकिस्तानी


मलाला युसुफ़ज़ई का जन्म 12 जुलाई 1997 को पाकिस्तान के मिंगोरा शहर में एक पश्तो परिवार में हुआ । उनकी पश्तो जाति अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा के आस पास की बसी थी । मलाला के गांव में  लड़की के जन्म पर जश्न नहीं बनाते लेकिन इसके बावजूद उनके पिता जियाउद्दीन युसुफ़ज़ई ने मलाला के जन्म पर जश्न मनाया। माता-पिता ने बच्ची  का नाम मलाला रखा। 

मलाला युसुफ़ज़ई बच्चो के अधिकारों की कार्यकर्ता है। मलाला युसुफ़ज़ई तहरीक-ऐ-तालिबान पाकिस्तान आतंकवादी संगठन के निरंकुश शासन, उत्पीड़न के खिलाफ मशाल उठाई। उन्होंने डायरी, ब्लॉगिंग को अपना शस्त्र बनाया। 11 वर्ष की छोटी उम्र में डायरी लिखना और  13 साल की उम्र में उन्होंने ब्लॉगिंग करना शुरू कर दिया था।  हमला के बाद वो मीडिया की सुर्ख़ियों में आ गयी। मलाला के पिता जियाउद्दीन युसुफ़ज़ई शिक्षाविद है और “खुशहाल पब्लिक स्कूल” स्कूल की श्रंखला चलाते है। मलाला शुरू से पढ़ना लिखना पसंद करती थी। उन्होंने विरोध जताते हुए तालिबानी आतंकवादियों को बोला की 



“आतंकवादियों की हिम्मत कैसे हुई मेरी शिक्षा छिनने की”

हत्या का प्रयास 

2009 में बीबीसी उर्दू के लिए “गुल मकई” उपनाम से डायरी लिखना शुरू किया। जिसमे उन्होंने तालिबान के निरंकुश शासन, उत्पीड़न का बेबाकी से वर्णन किया। जिसके कारण उनको आतंकवादी संगठन  से बराबर धमकियां मिलने लगी। स्वात घाटी में 2007 में लड़कियों के स्कूल जाने, खेलने, टीवी देखने  पर पाबंदी लगा दी गयी थी। जिस वजह से मलाला कई साल तक स्कूल पढ़ने नही जा सकी।  9 अक्टूबर 2012 के दिन उन पर हमला हुआ। मलाला पर हमला इसलिये हुआ क्यूंकि उन्होंने आतंकवादियों का फतवा नही माना।   जब मलाला बस से घर लौट रही थी तभी एक तालिबानी आतंकवादी बस में नकाब लगाकर घुस गया। और चिल्लाकर बोला 


“बताओ तुम में से मलाला कौन है वरना मैं सबको गोली मार दूंगा” 

मलाला की पहचान होते ही आंतकवादी ने गोली चला दी जो मलाला के सर और गले में लगी। इस हमले में कायनात और शाजिया नाम की 2 लड़कियाँ भी घायल हो गयी। गोलीबारी के फौरन बाद उनको हवाई जहाज से पेशावर के मिलिट्री होस्पिटल ले जाया गया। उनके ओपरेशन में 5 घंटा का लम्बा समय लगा। इस हमले के बाद तालिबान की सब तरफ कडी आलोचना होने लगी। 

15 अक्टूबर 2012 को मलाला को “महारानी एलिजाबेथ अस्पताल, लंदन” में भर्ती किया गया। 2 दिन बाद वो कोमा से बाहर निकली। उनकी जान बचा ली गयी। 3 जनवरी 2013 को वह पूरी तरह स्वस्थ्य होकर अस्पताल से बाहर निकली। इलाज के बाद उन्होंने बचा लिया गया।


पुरस्कार

19 दिसम्बर 2011 में मलाला युसुफ़ज़ई को शांति को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान सरकार द्वारा “राष्ट्रीय शांति पुरस्कार” दिया गया। मीडिया ने उनको हाथो हाथ लिया। उनको सम्मान देने के लिए सरकारी गर्ल्स सेकेंडरी स्कूल, मिशन रोड, का नाम बदलकर “मलाला युसुफजई सरकारी गर्ल्स सेकेंडरी स्कूल” कर दिया गया।

2013 में इनको किड्स राइट्स संगठन ने अंतर्राष्ट्रीय बाल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह संस्था बच्चों के अधिकारों के लिए काम करती है। 2013 में यूरोसंसद द्वारा मलाला को वैचारिक स्वतन्त्रता के लिए साख़ारोव पुरस्कार प्रदान किया गया है।

बच्चों के शिक्षा के अधिकार के लिए संघर्ष में महती भूमिका निभाने के लिए उन्हें यह पुरस्कार दिया गया है। मैक्सिको सरकार ने 2013 में ही इनको समानता पुरस्कार दिया। यह पुरस्कार जाति, उम्र, लिंग में भेदभाव के कारण शिक्षा के अधिकार के हनन से संघर्ष करने के लिए दिया जाता है।

2013 में ही संयुक्त राष्ट्र ने मलाला यूसुफजई को 2013 का मानवाधिकार सम्मान (ह्यूमन राइट अवॉर्ड) दिया। यह पुरस्कार मानवाधिकारो की रक्षा करने के लिए हर 5 साल में दिया जाता है। नेल्सन मंडेला और अमेरिकी राष्ट्रपति जिम्मी कार्टर यह पुरस्कार पा चुके है। 10 दिसम्बर 2014 को मलाला को समाजसेवी कैलाश सत्यार्थी द्वारा संयुक्त रूप से शांति का नोबेल पुरस्कार दिया गया। उन्होंने यह पुरस्कार मात्र 17 वर्ष की कम उम्र में प्राप्त किया। मलाला यूसुफजई यह पुरस्कार पाने वाली सबसे कम उम्र की विजेता बन गयी है।


2013, 2014 और 2015 में टाइम्स मैगजीन ने उनको विश्व की 100 सबसे अधिक प्रभावशाली महिला की सूची में शामिल किया है।

 “I am Malala : the girl who stood up for education and was shot by the Taliban” नाम की किताब जो मलाला  के जीवन पर आधारित लिखी है।

आज मलाला यूसुफजई करोड़ो लोगो की प्रेरणा बन चुकी है। उनके सम्मान में संयुक्त राष्ट्र ने प्रत्येक वर्ष 12 जुलाई को “मलाला दिवस” के रूप में मनाने की घोषणा की है। संयुक्तराष्ट्र के मुख्यालय में “वैश्विक शिक्षा का स्तर” विषय पर भाषण भी दे चुकी है। उनके सम्मान में सभी लोगो ने खड़े होकर तालियाँ बजाई। कनाडा सरकार ने उनको अपने देश की नागरिकता देने का प्रस्ताव दिया है।

अनमोल विचार – (yousafzai quotes)

•“एक किताब, एक कलम, एक बच्चा, और एक शिक्षक दुनिया बदल सकते हैं।”

•         “जब पूरी दुनिया खामोश हो तब एक आवाज़ भी ताक़तवर बन जाती है।”

•         मैं उस लड़की के रूप में याद किया जाना नहीं चाहती जिसे गोली मार दी गयी थी। मैं उस लड़की के रूप में याद किया जाना चाहती हूँ जिसने खड़े हो कर सामना किया।”

•         “लोग कौन सी भाषा बोलते हैं, त्वचा का रंग, या धर्म को लेकर कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए।”

•         “मैं बस एक चीज चाहती हूँ- शिक्षा, और मैं किसी से नहीं डरती।”

•         “मैं चरमपंथियों के बेटे-बेटियों के लिए शिक्षा चाहती हूँ, खासतौर से तालिबानियों के।”

•         “मैं कहती हूँ कि मैं डर से शक्तिशाली हूँ।”

•         “अपनी बेटियों का सम्मान करिए। वे सम्माननीय हैं।”

•         “कुछ लोग और लोगों से कुछ करने के लिए कहते हैं। मेरा मानना है कि, मैं किसी और का इंतज़ार क्यों करूँ? क्यों न मैं एक कदम उठाऊं और आगे बढ़ जाऊं।”

•         मैं अपना चेहरा नहीं ढकती क्योंकि मैं अपनी पहचान दिखाना चाहती हूँ।”

•         “मैं शांति में यकीन करती हूँ। मैं दया में यकीन करती हूँ।

•         “अगर आप किसी व्यक्ति को मारते हैं तो ये दिखता है कि आप उससे डरे हुए हैं।”

•         “जिस दिन मुझे गोली मारी गयी, और उसके अगले दिन, लोगों ने ‘मैं मलाला हूँ’ के बैनर उठाये। उन्होंने ये नहीं कहा कि ‘मैं तालिबान हूँ’।”


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