Donald Trump Biography in Hindi – एक असाधारण नेता की पूरी कहानी

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डोनाल्ड ट्रंप का शानदार ऑयल और वैक्स पेंटिंग पोर्ट्रेट, जिसमें पृष्ठभूमि में अमेरिकी झंडा उनकी देशभक्ति और नेतृत्व का प्रतीक दर्शाता है।   Donald John Trump, जिसे दुनिया “Donald Trump” के नाम से जानती है, अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति रहे हैं। उनका जीवन एक प्रेरणादायक कहानी है जिसमें business, politics, power और controversy – सभी शामिल हैं। Trump केवल एक राजनेता ही नहीं बल्कि एक businessman, television personality और global influencer भी हैं। 🧒 प्रारंभिक जीवन (Early Life & Education) Donald Trump का जन्म 14 June 1946 को Queens, New York City में हुआ। उनके पिता Fred Trump एक प्रसिद्ध real estate developer थे और मां Mary Anne MacLeod Trump एक स्कॉटिश मूल की महिला थीं। बचपन से ही Donald में leadership और risk-taking qualities थीं। उन्होंने New York Military Academy से पढ़ाई की और फिर Wharton School of the University of Pennsylvania से Bachelor’s degree in Economics हासिल की। उनके पिता चाहते थे कि Trump परिवार के real estate business को संभालें, और Donald ने यह जिम्...

Medicine is my lawful wife, and literature is my Girlfriend- Happy Birth Anton Chekhov

 


अन्तोन पाव्लाविच चेख़व रूसी साहित्यकार कथाकार और नाटककार थे। उनकी  रचनाएं दूसरे देशों और दूसरी भाषाओं में भी बहुत पसंद से पढ़ी जाती हैं  उन्होंने अपने साहित्यिक जीवन में उन्होंने रूसी भाषा को चार नाटक दिए जबकि उनकी कहानियाँ विश्व के समीक्षकों और आलोचकों में बहुत सम्मान के साथ सराही जाती हैं। चेखव एक कुशल चिकित्सक के साथ-साथ महान साहित्यिक थे। वे कहा करते थे कि चिकित्सा मेरी धर्मपत्नी है और साहित्य प्रेमिका।


 जिस तरह से एक कुशल डॉक्टर बीमारी के इलाज के लिए शरीर की गहराई से पड़ताल करता है, चेखव अपनी रचनाओं में उसी गहराई के साथ रूसी समाज की पड़ताल करते हैं. चेखव विज्ञान और साहित्य के अंतर से परिचित थे, इस वजह से वे साहित्य में डॉक्टर की तरह पड़ताल तो भले ही करते हैं लेकिन कोई समाधान नहीं देते हैं. उनकी रचनाएं खुद पाठकों को समाधान खोजने के लिए प्रेरित करती हैं।


उनका जन्म दक्षिण रूस के तगानरोग में 29 जनवरी 1860 में एक दूकानदार के परिवार में हुआ। 1868 से 1879 तक चेखव ने हाई स्कूल की शिक्षा ली। 1879 से 1884 तक चेखव ने मास्को के मेडिकल कालेज में शिक्षा पूरी की और डाक्टरी करने लगे। 1880 में चेखव ने अपनी पहली कहानी प्रकाशित की और 1884 में इनका प्रथम कहानीसंग्रह निकला। 1886 में 'रंगबिरंगी कहानियाँ' नामक संग्रह प्रकाशित हुआ और 1887 में पहला नाटक 'इवानव'। 1890 में चेखव ने सखालिन द्वीप की यात्रा की जहाँ इन्होंने देशनिर्वासित लोगों की कष्टमय जीवनी का अध्ययन किया। इस यात्रा के फलस्वरूप 'सखालिन द्वीप' नामक पुस्तक लिखी। 1892 से 1899 तक चेखव मास्को के निकटवर्ती ग्राम 'मेलिखोवो' में रहे थे। इन वर्षों में अकाल के समय चेखव ने किसानों की सहायता का आयोजन किया और हैजे के प्रकोप के समय सक्रिय रूप से डाक्टरी करते रहे। 1899 में चेखव बीमार पड़े जिससे वे क्रिम (क्राइमिया) के यालता नगर में बस गए। वहाँ चेखव का गोर्की से परिचय हुआ।

"मैक्सिम गोर्की रूस/सोवियत संघ के प्रसिद्ध लेखक तथा राजनीतिक कार्यकर्ता थे। उनका असली नाम "अलिक्सेय मक्सीमविच पेश्कोव" था। उन्होने "समाजवादी यथार्थवाद"  नामक साहित्यिक परिभाषा की स्थापना की थी। सन् १९०६ से लेकर १९१३ तक और फिर १९२१ से १९२९ तक वे रूस से बाहर (अधिकतर, इटली के कैप्री में रहे। सोवियत संघ वापस आने के बाद उन्होने उस समय की सांस्कृतिक नीतियों को स्वीकार किया किन्तु उन्हें देश से बाहर जाने की आज़ादी नहीं थी।"

1917 की रूसी क्रांति की पृष्ठभूमि को तैयार करने में रूसी साहित्यकारों की बहुत बड़ी भूमिका मानी जाती है।इसमें ऐसे बहुत से साहित्यकार थे जो सीधे-सीधे घोषित मार्क्सवादी नहीं थे लेकिन इनकी रचनाओं ने रूसी जनता के दुख-दर्द को इस तरह दिखाया कि रूसी समाज पर इन रचनाओं का गहरा प्रभाव पड़ा। इन रचनाओं ने भी रूसी जनता को अपनी स्थिति को बदलने के लिए प्रेरित किया।

1902 में चेखव को 'सम्मानित अकदमीशियन' की उपाधि मिली। लेकिन जब 1902 में रूसी जार निकोलस-२ ने गोर्की को इसी प्रकार की उपाधि देने के फैसले को रद्द कर दिया तब चेखव ने अपना विरोध प्रकट करने के लिये अपनी इस उच्च उपाधि का परित्याग कर दिया। 1901 में चेखव ने विनप्पेर नामक अभिनेत्री से विवाह किया। इनकी पत्नी उस प्रगतिशील थियेटर की अभिनेत्री थी। जहाँ चेखव के अनेक नाटकों का मंचन किया गया था। 1904 में चेखव के नाटक 'चेरी के पेड़ों का बाग' का प्रथम बार अभिनय हुआ। 1904 के जून में तपेदिक बीमारी के कारण चेखव इलाज के लिए जर्मनी गए। वहीं बादेनवैलर नगर में इनका स्वर्गवास हुआ। चेखव की समाधि मास्को में है।

आधुनिक लेखन के जन्मदाता

चेखव को आधुनिक कहानी लेखन और आधुनिक नाटकों की शुरुआत करने वाले रचनाकारों में शामिल हैं। चेखव की रचनाओं ने आधुनिक कहानियों और नाटकों को एक दिशा देने का काम किया है।चेखव ने अपने छोटे से जीवन में सिर्फ 4 नाटक लिखे थे- द सीगल, अंकल वान्या, तीन बहनें और चेरी का बाग. ये चारों नाटक आज भी दुनिया के कई देशों मंचित किए जाते हैं. यह चेखव की रचनात्मक दृष्टि ही थी कि ये आज भी प्रासंगिक हैं।

नाटकों की तरह चेखव की कहानियां भी प्रासंगिक हैं चेखव ने रूस के आम आदमियों के जीवन को अपनी कहानियों का विषय बनाया है. चेखव ने अपनी कहानियों में शिक्षक, किसान, गाड़ीवान जैसे आम लोगों को अपना पात्र बनाया है चेखव ने इन कहानियों में रूसी समाज की बुराईयो को दिखाया है। इसके अलावा चेखव ने अपनी कहानियों में धन, संपत्ति और ताकत को अनुचित भी बताया है।शर्त नामक कहानी में चेखव ने संपत्ति की जगह ज्ञान को बहुत ही सुदंर भाव से दिखाया।इसी तरह कमजोर नामक कहानी में ताकतवर और कमजोर आदमी के संबंधों को बहुत ही खूबसूरत अंदाज में प्रस्तुत किया गया है। दुख नामक कहानी में चेखव ने बड़ी ही सूक्ष्मता से यह दिखाया है कि कैसे एक गरीब व्यक्ति का दुख सुनने के लिए किसी के पास समय नहीं है और आखिर उसे अपना दुख हल्का करने के लिए इस दुख को अपने घोड़े को सुनना पड़ता है।



चेखव कोई मार्क्सवादी लेखक नहीं थे और न उन्होंने अपनी रचनाओं में कहीं वर्ग-संघर्ष को उस तरीके से दिखाया जिस तरह से उस दौर की मार्क्सवाद से प्रभावित रचनाओं में दिखाया जाता था.चेखव का मानना था कि वे अपनी रचनाओं में समस्या का कोई समाधान नहीं देंगे बल्कि पाठक और दर्शकों को इसके बारे में स्वतंत्र रूप से छोड़ देंगे. चेखव की यह विशेषता उनकी कहानियों में भी दिखती है 


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