Hu Shuli Biography in Hindi | Caixin Media Founder & Journalist

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डिएगो माराडोना की जीवनी | Diego Maradona Biography in Hindi, Net Worth, Records |
"ब्यूनस आयर्स की संकरी गलियाँ, टूटी-फूटी झोपड़ियाँ और उनमें खेलता एक नन्हा बच्चा। पैरों में जूते नहीं, लेकिन आंखों में चमक है। यह चमक किसी साधारण सपने की नहीं, बल्कि एक ऐसे जुनून की है जो पूरी दुनिया को जीत लेने वाला था। वह बच्चा और कोई नहीं, बल्कि डिएगो आर्मांडो माराडोना था — फुटबॉल का वो जादूगर, जिसे बाद में दुनिया ने भगवान मान लिया।"
30 अक्टूबर 1960, अर्जेंटीना के लानुस में माराडोना का जन्म हुआ। परिवार गरीब था, इतना गरीब कि कई बार खाने तक की कमी हो जाती थी। लेकिन खेल का जुनून इतना गहरा था कि गेंद मिलते ही दुनिया की सारी परेशानियां गायब हो जाती थीं।
कहा जाता है कि माराडोना जब महज़ 10 साल के थे, तभी उनकी ड्रिब्लिंग देखने वाले लोग दंग रह जाते थे। झुग्गियों में खेलने वाला यह बच्चा जल्द ही “Los Cebollitas” नामक जूनियर टीम का हिस्सा बन गया। वहां से उसके पैर थमने वाले नहीं थे।
16 साल की उम्र में, अर्जेंटिनोस जूनियर्स के लिए खेलते हुए माराडोना ने प्रोफेशनल फुटबॉल में एंट्री ली। उनका खेल देखने के बाद दर्शक समझ गए कि यह खिलाड़ी सामान्य नहीं है। जल्द ही बोका जूनियर्स ने उन्हें अपनी टीम में शामिल कर लिया। बोका में खेलते हुए माराडोना की लोकप्रियता बढ़ने लगी, और यूरोप की क्लब टीमें भी उन पर नजर रखने लगीं।
1982 वर्ल्ड कप के बाद, माराडोना दुनिया की सबसे चर्चित टीमों में से एक FC Barcelona से जुड़ गए। यहाँ उन्होंने अपने खेल से सबको प्रभावित किया, लेकिन किस्मत ने उन्हें बार-बार चोटों और विवादों से घेर लिया।
बार्सिलोना में उनका समय कठिन था — कभी हेपेटाइटिस, कभी चोटें और कभी क्लब प्रबंधन से झगड़े। लेकिन इन मुश्किलों ने उन्हें और मजबूत बना दिया।
1984 में माराडोना इटली की क्लब Napoli में शामिल हुए। नेपोली एक साधारण टीम थी, लेकिन माराडोना ने उसे यूरोप की दिग्गज टीमों के सामने खड़ा कर दिया।
उनकी कप्तानी में नेपोली ने Serie A (1986-87, 1989-90), Copa Italia (1987), UEFA Cup (1989) और Italian Super Cup (1990) जीते।
नेपोली के लोग उन्हें सिर्फ खिलाड़ी नहीं, बल्कि “Messiah” मानने लगे। शहर की दीवारों पर उनका चेहरा पेंट किया गया, चर्च में उनकी तस्वीरें लगाईं गईं। नेपोली के लिए वह सिर्फ फुटबॉलर नहीं, बल्कि उम्मीद का नाम बन गए।
मेक्सिको में खेले गए 1986 FIFA World Cup ने माराडोना को अमर कर दिया।
क्वार्टर फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ उनका पहला गोल इतिहास का सबसे विवादित गोल था। उन्होंने गेंद को हाथ से गोलपोस्ट में डाल दिया और बाद में कहा – “थोड़ा मेरे सिर से और थोड़ा भगवान के हाथ से।” यह गोल “Hand of God” के नाम से मशहूर हुआ।
लेकिन उसी मैच का दूसरा गोल उनके करियर की पहचान बन गया। उन्होंने आधे मैदान से गेंद उठाई, पाँच इंग्लिश डिफेंडर्स को चकमा दिया और गोल कर दिया। यह गोल आज भी “Goal of the Century” कहलाता है।
उस वर्ल्ड कप में माराडोना ने 5 गोल किए और 5 असिस्ट दिए। फाइनल में अर्जेंटीना ने जर्मनी को हराया और माराडोना ने वर्ल्ड कप ट्रॉफी उठाई।
इटली में खेले गए 1990 वर्ल्ड कप में भी माराडोना ने अर्जेंटीना की कप्तानी की। लेकिन टखने की चोट ने उन्हें परेशान किया। फाइनल में अर्जेंटीना जर्मनी से हार गया। हालांकि पूरे टूर्नामेंट में उन्होंने अपनी जादुई पासिंग से टीम को संभाला।
1994 में अमेरिका में खेले गए वर्ल्ड कप में माराडोना सिर्फ दो ही मैच खेल पाए। ग्रीस के खिलाफ उन्होंने शानदार गोल किया, लेकिन जल्द ही उनका डोप टेस्ट पॉजिटिव पाया गया और उन्हें टूर्नामेंट से बाहर कर दिया गया।
यह उनके करियर का सबसे दुखद पल था। मैदान पर भगवान माने जाने वाले खिलाड़ी को ड्रग्स ने गिरा दिया।
माराडोना का निजी जीवन हमेशा विवादों से घिरा रहा।
क्लाउडिया विलाफाने से शादी और दो बेटियाँ (Dalma और Giannina)।
बेटे Diego Sinagra को बाद में स्वीकार करना पड़ा।
नशे की लत, शराब और स्वास्थ्य समस्याएँ।
उनका करियर जितना चमकदार था, निजी जीवन उतना ही उतार-चढ़ाव भरा।
खेल से संन्यास लेने के बाद माराडोना ने अर्जेंटीना टीम के कोच की जिम्मेदारी संभाली। 2010 वर्ल्ड कप में उन्होंने टीम का नेतृत्व किया। भले ही अर्जेंटीना ट्रॉफी नहीं जीत पाया, लेकिन माराडोना की मौजूदगी ने टीम का मनोबल ऊँचा रखा।
25 नवंबर 2020 को डिएगो माराडोना का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। 60 साल की उम्र में दुनिया ने अपना महानतम फुटबॉलर खो दिया। अर्जेंटीना में तीन दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित हुआ।
नेपोली से लेकर ब्यूनस आयर्स तक लाखों लोग सड़कों पर उमड़ आए। हर कोई रो रहा था, जैसे कोई अपना चला गया हो।
माराडोना ने अपने करियर में लाखों डॉलर कमाए।
Estimated Net Worth: लगभग $500K – $1 Million (निधन के समय)
नेपोली और बार्सिलोना से मोटी सैलरी
लग्जरी कारें, ब्रांड डील्स और शाही लाइफस्टाइल
लेकिन नशे और टैक्स विवादों ने उनकी दौलत कम कर दी।
माराडोना सिर्फ फुटबॉल खिलाड़ी नहीं थे। वे एक कहानी थे — गरीबी से उठकर दुनिया के शिखर तक पहुँचने की कहानी।
उनसे हम सीखते हैं कि:
मेहनत और जुनून से कोई भी बाधा पार की जा सकती है।
लेकिन अनुशासन और संयम खोने पर महानतम भी नीचे गिर सकता है।
Q1: माराडोना का सबसे मशहूर गोल कौन सा था?
👉 इंग्लैंड के खिलाफ 1986 वर्ल्ड कप में “हैंड ऑफ गॉड” और “गोल ऑफ द सेंचुरी”।
Q2: माराडोना ने कितने वर्ल्ड कप खेले?
👉 उन्होंने 4 वर्ल्ड कप खेले (1982, 1986, 1990, 1994)।
Q3: माराडोना की नेट वर्थ कितनी थी?
👉 लगभग $500K – $1 Million।
Q4: माराडोना का निधन कैसे हुआ?
👉 25 नवंबर 2020 को दिल का दौरा पड़ने से।
Q5: पेले और माराडोना में कौन बेहतर है?
👉 यह बहस हमेशा जारी रहेगी। पेले और माराडोना दोनों ही अपने-अपने दौर के महानतम खिलाड़ी थे।
डिएगो माराडोना सिर्फ फुटबॉल के खिलाड़ी नहीं थे, बल्कि एक जादूगर, एक योद्धा और एक इंसान थे। मैदान पर उन्होंने जो किया, वह बार-बार नहीं दोहराया जा सकता। उनका जीवन एक ऐसी किताब है जिसमें जीत, हार, विवाद और महानता सब कुछ है।
"वह लड़का जो झुग्गियों से निकला था, आज भी दुनिया के हर फुटबॉल मैदान पर जिंदा है। क्योंकि फुटबॉल खेलते समय, हर बच्चा कहीं-न-कहीं अपने अंदर एक छोटा माराडोना महसूस करता है।"
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