विजयदशमी (दशहरा) 2025 – इतिहास, महत्व, कथा और उत्सव

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  विजयदशमी (दशहरा) 2025 – रावण दहन और अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक पर्व 🪔 प्रस्तावना भारत त्योहारों की भूमि है और यहाँ का हर पर्व एक गहरी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक भावना से जुड़ा हुआ है। इन्हीं महान पर्वों में से एक है विजयदशमी (दशहरा) । यह त्योहार सत्य की असत्य पर, धर्म की अधर्म पर और अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है। दशहरा न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण भी विशेष है। 📖 विजयदशमी का इतिहास (History of Vijayadashami) विजयदशमी का इतिहास हजारों वर्षों पुराना है। इसका संबंध दो प्रमुख पौराणिक कथाओं से जुड़ा है— रामायण की कथा भगवान श्रीराम ने लंका के राक्षस राजा रावण का वध इसी दिन किया था। रावण ने माता सीता का हरण किया था और धर्म की रक्षा के लिए श्रीराम ने युद्ध कर उसका अंत किया। इसीलिए दशहरे के दिन रावण दहन की परंपरा है। देवी दुर्गा की विजय एक अन्य कथा के अनुसार, इस दिन माँ दुर्गा ने महिषासुर नामक असुर का वध कर देवताओं को मुक्ति दिलाई थी। इसलिए इसे महानवरात्रि के बाद विजयदशमी के रूप में मनाया जाता है। 🌸...

Who is Al-Waleed bin Talal? Complete Biography of the Saudi Billionaire Prince

 अल-वालिद बिन तलाल कौन हैं? सऊदी अरब के अरबपति शहजादे की पूरी जीवनी

 

Who is Al-Waleed bin Talal? Complete Biography of the Saudi Billionaire Prince
Who is Al-Waleed bin Talal? Complete Biography of the Saudi Billionaire Prince




अल-वालिद बिन तलाल अल सऊद, जिनका जन्म 7 मार्च 1955 को सऊदी अरब की राजधानी रियाद में हुआ था, सऊदी अरब के शाही परिवार के सदस्य हैं और विश्व के सबसे प्रसिद्ध अरबपतियों में से एक माने जाते हैं। वह न केवल व्यापार जगत में अपनी पैठ के लिए विख्यात हैं, बल्कि अपने उदारवादी दृष्टिकोण, वैश्विक निवेशों और 2017 की सऊदी अरब की भ्रष्टाचार विरोधी कार्रवाई के दौरान अपनी गिरफ्तारी के कारण भी अंतरराष्ट्रीय मीडिया का विषय रहे हैं। अल-वालिद का जीवन संघर्ष, सफलता, विवाद और सामाजिक योगदान का अनूठा मिश्रण है।


प्रारंभिक जीवन और शिक्षा



अल-वालिद का जन्म एक समृद्ध और प्रभावशाली परिवार में हुआ था। उनके पिता, प्रिंस तलाल बिन अब्दुलअज़ीज़, सऊदी अरब के संस्थापक राजा अब्दुलअज़ीज़ के पुत्र थे, और उनकी माँ, मोना अल-सुल्ह, लेबनान के पहले प्रधानमंत्री रियाद अल-सुल्ह की पुत्री थीं। इस प्रकार, अल-वालिद का जीवन आरंभ से ही दो शक्तिशाली राजनीतिक और सांस्कृतिक परंपराओं का संगम रहा।

अपनी प्रारंभिक शिक्षा रियाद में पूरी करने के बाद, उन्होंने अमेरिका का रुख किया, जहाँ उन्होंने कैलिफ़ोर्निया के मैनलो कॉलेज से व्यवसाय प्रशासन में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने सिरैक्यूज़ यूनिवर्सिटी, न्यूयॉर्क से सोशल साइंस में मास्टर्स की डिग्री ली। पश्चिमी शिक्षा ने उनकी सोच को आधुनिक और वैश्विक दृष्टिकोण प्रदान किया, जो बाद में उनके व्यापारिक फैसलों में स्पष्ट झलका।



व्यवसायिक करियर और साम्राज्य की नींव



1980 के दशक की शुरुआत में अल-वालिद ने अपने व्यापारिक सफर की शुरुआत एक छोटे से निर्माण और रियल एस्टेट कंपनी के साथ की। लेकिन बहुत जल्द उन्होंने अंतरराष्ट्रीय निवेश की दिशा में कदम बढ़ाए और 1980 के अंत तक उन्होंने “किंगडम होल्डिंग कंपनी” की स्थापना की। यह कंपनी आज उनकी विशाल संपत्ति और निवेशों का आधार है।


किंगडम होल्डिंग कंपनी ने दुनियाभर की प्रमुख कंपनियों में निवेश किया, जिनमें ऐप्पल, सिटीग्रुप, मोटरोलॉ, न्यूज़ कॉर्पोरेशन, ट्विटर, टाइम वॉर्नर, फोर सीजन्स होटल्स, होटल जॉर्ज V (पेरिस) और रोटाना ग्रुप जैसे नाम शामिल हैं। फोर्ब्स के अनुसार, 2000 के दशक में अल-वालिद विश्व के शीर्ष 10 अमीर व्यक्तियों में गिने जाते थे।

उनका व्यवसायिक दृष्टिकोण काफी रणनीतिक और दूरदर्शी रहा है। उन्होंने तकनीकी और मीडिया क्षेत्र में उस समय निवेश किया जब अधिकांश अरब निवेशक पारंपरिक क्षेत्रों तक ही सीमित थे। उनकी यही सोच उन्हें "सऊदी अरब का वॉरेन बफेट" बना देती है।




सामाजिक योगदान और धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण



अल-वालिद एक उदारवादी सोच के व्यक्ति माने जाते हैं। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, आपदा राहत, महिला सशक्तिकरण और इस्लाम और पश्चिमी जगत के बीच संवाद को बढ़ावा देने के लिए अरबों डॉलर दान किए हैं। उनकी धर्मार्थ संस्था "अल वलीद फिलैंथ्रॉपीज़" ने दुनियाभर के विश्वविद्यालयों और संस्थाओं के साथ मिलकर सामाजिक परियोजनाओं को समर्थन दिया है।

अल-वालिद महिला अधिकारों के समर्थक भी रहे हैं। सऊदी अरब में महिलाओं को ड्राइविंग की अनुमति मिलने से पहले ही उन्होंने कई बार सार्वजनिक रूप से इसका समर्थन किया और अपने निजी क्षेत्र में महिलाओं को उच्च पदों पर नियुक्त किया।



2017 की गिरफ्तारी – विवाद और रहस्य



नवंबर 2017 में, सऊदी अरब में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के नेतृत्व में एक भ्रष्टाचार विरोधी अभियान चलाया गया। इस दौरान अल-वालिद सहित लगभग 200 प्रभावशाली व्यक्तियों को रियाद के रिट्ज़-कार्लटन होटल में नजरबंद किया गया। यह विश्व स्तर पर एक चौंकाने वाली घटना थी, क्योंकि इससे पहले कभी भी इतने बड़े पैमाने पर शाही परिवार के सदस्यों और अरबपतियों को एकसाथ हिरासत में नहीं लिया गया था।

अल-वालिद को लगभग तीन महीने की नजरबंदी के बाद जनवरी 2018 में रिहा किया गया। कहा गया कि उन्होंने सरकार के साथ एक "आर्थिक समझौता" किया, जिसकी राशि अरबों डॉलर में हो सकती है, हालांकि इसकी सटीक जानकारी कभी सार्वजनिक नहीं की गई। उन्होंने रिहा होने के बाद मीडिया को बताया कि वह पूरी तरह निर्दोष थे और यह समझौता व्यापारिक कारणों से किया गया।



जीवनशैली और व्यक्तित्व



अल-वालिद का जीवनशैली बेहद भव्य रही है। उनके पास एक विशेष रूप से निर्मित बोइंग 747 जेट, याच "किंगडम 5KR", और दुनियाभर में कई आलीशान महल व होटल हैं। लेकिन इसके बावजूद, वह एक अनुशासित दिनचर्या का पालन करते हैं, सुबह जल्दी उठते हैं, नियमित रूप से व्यायाम करते हैं और अपने कार्यों के प्रति पूरी तरह समर्पित रहते हैं।

वह 4 भाषाएं जानते हैं – अरबी, अंग्रेज़ी, फ्रेंच और थोड़ी सी तुर्की। उन्हें पढ़ने और राजनीतिक मामलों पर गहरी रुचि है। वह अक्सर पश्चिमी मीडिया को साक्षात्कार देते हैं और इस्लाम तथा अरब जगत के प्रति फैली गलतफहमियों को दूर करने का प्रयास करते हैं।



निष्कर्ष



अल-वालिद बिन तलाल केवल एक अरबपति नहीं हैं, बल्कि वह एक दृष्टा, समाजसेवी और अपने समय से आगे सोचने वाले व्यक्ति हैं। उन्होंने सऊदी अरब के पारंपरिक ढांचे में रहते हुए आधुनिकता को अपनाया और उसे आगे बढ़ाया। 2017 की गिरफ्तारी ने उनके जीवन में एक नया मोड़ जरूर लाया, लेकिन उन्होंने इस अनुभव को भी गरिमा और समझदारी से संभाला।

उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि जब पारंपरिक विरासत के साथ आधुनिक सोच का मेल होता है, तो व्यक्ति न केवल आर्थिक रूप से सफल होता है, बल्कि समाज के लिए भी प्रेरणा बनता है। अल-वालिद बिन तलाल एक ऐसे ही प्रेरणादायक व्यक्तित्व हैं जिनकी कहानी दुनियाभर के उद्यमियों और नवयुवकों के लिए मार्गदर्शक है।


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